Friday, 31 October 2025

मेरी सास ने मुझे बाथरूम में

 मेरा नाम रोहित हैमैं 28 साल का हूँ, गोरा, हट्टा-कट्टा और हैंडसम हूँमैं अपनी पत्नी के साथ पुणे में रहता हूँ, लेकिन मेरी सास सविता हमारे साथ ही रहती हैंसविता 45 साल की हैं, गोरी, भरे बदन की हैं और आज भी हॉट लगती हैंउनके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, दो पके खरबूजे जैसे, जो हमेशा उनकी साड़ी या नाइटी से बाहर झाँकते रहते हैं। उनके निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखाई देते हैं और उनकी जवानी की आग को दर्शाते हैं। उनकी कमर पतली है, और उनकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलने पर लचकती है और मेरी नज़रें अपनी ओर खींचती हैं। उनकी जांघें मोटी और चिकनी हैं, मलाई की परतों जैसी, और उनकी चूत की गर्मी उनके चेहरे से छुप नहीं सकती। मेरी पत्नी मुझे संतुष्ट नहीं कर पाती, लेकिन मेरी सास ने मुझे बाथरूम में चोदा, और मेरी हवस मिटाई। यह मेरी और मेरी सास की चुदाई की कहानी है। मार्च 2025 की एक सुबह थी। पुणे में हल्की गर्मी थी, और जवानी की आग मेरे बदन में धधक रही थी। मेरी पत्नी ऑफिस गई हुई थी और घर पर सिर्फ़ मैं और सविता ही थे। मैं बाथरूम में नहाने गया था। मैं शावर के नीचे नंगा खड़ा था और मेरा 8 इंच का लिंग तना हुआ था। मैं अपने लिंग को हाथ में पकड़े हुए दबा रहा था। "आह... सविता सासू माँ... मैं आपकी चूत चोदना चाहता हूँ..." मैंने फुसफुसाया। मेरी वासना मुझे रोक नहीं रही थी। तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला और सविता अंदर आई। उसने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसके स्तन साड़ी से बाहर आने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उसकी गांड साड़ी में लचक रही थी। "रोहित, तुम क्या कर रहे हो?" उसने कहा और मुझे देखती रही। मेरा लिंग तना हुआ देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। "सासू माँ, मैं... नहा रहा हूँ," मैंने घबराते हुए कहा, लेकिन मेरा लिंग तना हुआ था। "रोहित, तुम्हारी चूत बहुत गर्म है," उसने कहा और मेरे करीब आ गई। उसने अपनी साड़ी उतार दी। उसके स्तन नंगे थे। उसके निप्पल सख्त थे। "सासू माँ, ये ग़लत है," मैंने कहा, लेकिन मेरी हवस मुझे रोक नहीं पाई। उन्होंने मेरी चूत को अपने हाथों में लिया और उसे दबाने लगीं। "रोहित, मुझे तुम्हारी चूत चाहिए," उन्होंने कहा। उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उनकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मेरी हवस अब बेकाबू हो गई थी। मैंने उनका पेटीकोट नीचे सरका दिया और उनकी चूत नंगी हो गई।

उनकी चूत घने बालों से ढकी हुई थी और उनकी चूत की फांकें लाल और सूजी हुई थीं। "सासू माँ, आपकी चूत बहुत गर्म है," मैंने कहा और अपनी दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दीं। "आह... रोहित... डालो इसे..." वो कराह उठीं। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत में अंदर-बाहर होने लगीं और उनके मुँह से कराहें निकलने लगीं। "आह... रोहित... ज़ोर से..." वो कराहते हुए बोलीं। मैंने अपनी उंगलियाँ उनकी चूत में ज़ोर से अंदर-बाहर कीं। उनकी चूत से पानी बहने लगा। "रोहित, मेरी चूत चोदो," उन्होंने कहा। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा। "सासू माँ, ये लो," मैंने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। "आह... रोहित... ये टूट गया... आह..." वो चीखी।

मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ रहा था। उसकी चूत टाइट थी और मेरा मोटा लंड उसे दर्द कर रहा था। पर वो दर्द का मज़ा ले रही थी। मैंने उसके निप्पल दबाते हुए उसे चोदना शुरू किया। "सासू माँ, आपकी चूत बहुत अच्छी है," मैंने कहा। हर धक्के के साथ उसकी गांड बाथरूम की दीवार से टकरा रही थी। "रोहित, ज़ोर से चोदो... इससे मेरी चूत फट जाती है..." वो चीखी। मैंने उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। शॉवर का पानी उसके स्तनों पर गिर रहा था और उसके निप्पल हिल रहे थे। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगा। "आह... रोहित... तुम बहुत अच्छा चोदते हो..." वो सिसक उठी। मैंने उसे आधे घंटे तक चोदा। उसकी चूत लाल हो गई थी और उसका पानी दो बार निकल चुका था।

“रोहित, अब मेरी गांड चोदो,” सविता ने कहा। मैंने उसे दीवार के सहारे झुका दिया। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूका और अपनी उंगलियां उसकी गांड में डाल दीं। “आह्ह… रोहित… धीरे…” वह सिसकी। मेरी उंगलियां उसे दर्द कर रही थीं। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। “आह्ह… फट गई… आह्ह…” वह चिल्लाई। मेरा लंड उसकी गांड फाड़ रहा था। “सास जी, आपकी गांड बहुत अच्छी है,” मैंने कहा और उसकी गांड चोदना शुरू कर दिया। मेरी उंगलियां उसकी चूत में थीं और मैं उसकी चूत भी रगड़ रहा था। “रोहित, मेरी चूत भी चोदो,” उसने कहा। मैंने उसे फिर से पलट दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। “सास जी, मैं आपकी चूत चोदना चाहता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उसे खूब चोदा और उसकी चूत चोदी। मेरा गरम वीर्य उसकी चूत से बह रहा था।

उस दिन के बाद, सविता मुझे रोज़ चोदने के लिए बुलाती। जब मेरी पत्नी घर पर नहीं होती थी, तो वो मेरे कमरे में आकर मुझसे चुदवाती थी। "रोहित, तुम्हारा लंड मेरा है," वो कहती थी। एक बार उसने मुझे किचन में चोदा। "रोहित, मुझे चोदो," वो चिल्लाती थी। मेरा लंड उसकी चूत और गांड में अंदर-बाहर हो रहा था। वो मेरा लंड चूसती थी और मैं उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ डालता था। मेरी सास की वासना मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसे पूरी रात चोदा और उसे संतुष्ट किया

कभी-कभी वो मुझे बेडरूम में चोदने के लिए बुलाती थी। एक बार, मैं बिस्तर पर सो रहा था, तभी सविता आ गई। उसने मेरी पैंट नीचे की और मेरा लंड चूसने लगी। "रोहित, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है," उसने कहा। मैंने उसे बिस्तर पर झुकाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। "आह... रोहित... चोदो... ज़ोर से चोदो..." वो चिल्लाई। मैंने उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे और मेरा लंड चूसा। मैंने उसे और उसकी चूत को चोदा। मेरी सास की वासना मुझे पागल कर रही थी।

सविता ने एक बार अपनी सहेली के सामने मुझसे चुदवाया। उसकी सहेली मुझे देख रही थी, और सविता ने मुझे नंगा करके मेरा लंड चूसा। "रोहित, तुम्हारा लंड बहुत बढ़िया है," उसने कहा। मैंने सविता को उसकी सहेली के सामने चोदा। "आह... रोहित... चोदो... ज़ोर से चोदो..." वो चिल्ला रही थी। उसकी सहेली मेरे स्तन देख रही थी, और मैं सविता को ज़ोर से चोद रहा था। मैंने उसकी चूत चोदी, और उसकी सहेली मुझे देखती रही। मेरी सास की हवस मुझे पागल कर रही थी, और मैं उनकी हवस पूरी कर रहा था।

अब मार्च खत्म हो गया है। मेरी पत्नी को कुछ नहीं पता, लेकिन सविता मुझसे रोज़ चुदवाती है। "रोहित, तुम मेरे दामाद हो, लेकिन तुम मेरी हवस पूरी करते हो," वो कहती है। मेरा प्रेमी उसके सेक्स के बिना नहीं रह सकता। मेरी सास को बाथरूम में चोदा गया, और मेरी हवस उनके साथ पूरी हुई। मेरी सास की हवस मुझे पागल कर देती है, और मैं उनकी हवस पूरी करता हूँ।

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