मेरा नाम दीपक है, सब मुझे दीपिका बुलाते हैं। आज मैं आप सभी को अपनी गांड चुदाई की कहानी सुनाना चाहता हूँ। सबसे पहले तो मैं आपको अपना बारे में बता दूं।
मैं कानपुर की रहने वाली हूं, मेरी हाइट 5'3 है और मेरा रंग दूध की तरह सफेद है।
मेरा साइज़ 30-26-32 है, मेरे स्तन अभी कमसिन लड़कियों की तरह हैं। जिसे आप लोग अपनी पूरी प्यास बुझा सकते हैं।
मैं बचपन से ही शर्मिला और खामोश रहने वाली लड़कियों की तरह हूं। जिसकी वजह से लोग मुझे दीपिका कह कर बुलाते हैं, मेरे घर वाले भी मुझे ये ही कहते हैं।
कि दीपेक तू एक दम लड़की है, तुझे तो लड़की बन कर ही पेदा होना चाहिए था।
जब मैं अपने घर वालों की बातें सुनती हूं, तो मैं अपनी आपकी लड़की की तरह महसूस करती हूं। और मैं सोचती हूं कि खिन न खिन मेरे अंदर कोई लड़की जरूर है।
इसलिए मुझे लड़कियों के कपड़े पहनने का बहुत शौक है, मैं हमेशा अपने कमरे में ब्रा पैंटी और नाइटी पहन कर सोती हूं। ये मुझे बहुत अच्छा लगता है.
मेरे मोहले का हर लड़का और सभी अंकल लोग मुझे चोदने के लिए बर्बाद होते रहते हैं। एक बार तो एक अंकल ने मुझे साफ साफ बोला।
अंकल – दीपिका मैं तुझे एक बार चोदना चाहता हूँ प्लीज.
ये सुन कर सब से पहले मैं मुस्कुराई और फिर मैंने अपनी नजरें नीचे कर ली। अब जब भी मैं घर से बाहर निकलती हूं, तो वो अंकल मुझे वासना भरी नज़रों से देखते हैं। और मैं उन्हें स्माइल दे कर निकल जाती हूं।
एक दिन ऐसा हुआ कि पापा के किसी दोस्त की मौत हो गई थी, तो उनके अति संस्कार के लिए घर के सभी लोग लखनऊ चले गए थे। इस बीच सिर्फ एक रात मुझे अकेला रहना था।
तभी लोगों को शाम को जाना था और अगले दिन दोपहर तक आना था। बस मुझे एक रात अकेले घर पर गुजरानी थी। ये बात उन अंकल को पता चल गई, जो मुझे चोदना चाहते थे।
और फिर मेरे पापा ने उन्हें कहा - यार मनोज दीपक घर पर अकेला है, तुम जरा उसका ख्याल रखना। बस एक ही रात की बात है, हम कल दोपहर तक आ जायेंगे।
तभी मनोज अंकल मुझे वासना की नजरों से देखते हुए बोले- भाई साहब आप परेशान न हों, मैं दीपका का पूरा पूरा ख्याल रखूंगा।
तभी मेरे चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट की एक लहर आ गई, और मेरी नजरें शर्म से झुक गईं। मैंने भी मन बना लिया है कि आज मनोज अंकल की दुल्हन बनना ही है।
जेसे ही शाम होने लगी, तो मैं अपने आपको सजाने लग गई। मैंने एक लाल रंग का सूट पहना, और लाल रंग का दुपट्टा लिया। फिर मैंने अपने कानों में बलिया पहन ली और एक नथ अपनी नाक में डाल कर हल्का सा मेकअप कर लिया।
साथ ही मैंने अपनी आँखों में काजल भी लगाया। मैंने अपने आपको मिरर में देखा तो मैं पूरी दुल्हन लग रही थी। तभी दरवाजे पर घंटी बजी, मैंने जा कर दरवाजा खोला तो सामने मनोज अंकल खड़े थे।
वो मुझे घुर घुर कर देख रहे थे, उनकी नजरें मेरे स्तनों पर थीं, जिनको पीने के लिए वो उटावले हो रहे थे। तभी मैंने एक इतरा कर खा.
मैं- क्या बात है अंकल, कैसे आना हुआ?
अंकल- अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो, और तुम्हारी मर्जी हो तो क्या मैं आज तुम्हारे साथ सो जाऊं। क्योंकि वे भी तुम घर में अकेली हो ना।
मैं - जी मनोज अंकल, मुझे भी अकेले घर पर थोड़ा सा घर लग रहा है। क्योंकि मैं पहली बार घर पर अकेली हूं ना, मैं आपका बिस्तर ड्राइंग रूम में लगा देती हूं। आज आप यहीं पर सो जाइये।
अंकल- ठीक है.
फ़िर मैं जा कर अपने कमरे में लेट गई, और मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं किया। करीब एक घंटे बाद ऐसा लगा क्योंकि मेरे कमरे में कोई आया है। मैंने सोचा अंकल ही आये होंगे और कौन आ सकता है।
वे भी आज अंकल की इच्छा पूरी होने वाली थी, मैं सोने का बहाने करने लग गई। अंकल मेरे पीछे आ कर मेरी कमर में हाथ डाल कर लेट गए।
मेरा बदन जलने लग गया, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने पति के साथ लेती हूं। तभी अंकल मेरे पीछे से मेरे कान में बोले - दीपिका आज तो मैं तुम्हें चोद कर ही रहूंगी।
मैंने अपनी आंखें खोली और मैं अकेले की तरफ घूम गई। अंकल का हाथ अभी भी मेरे कमर पर था, मेरे घूमते ही अंकल ने मेरे होठों पर किस कर लिया। मैं संभल ही नहीं पाई कि अंकल ने मुझे दूसरा किस कर लिया, ये वाला किस काफी देर तक चला। काफ़ी देर तक मेरे होठों को चूसने के बाद अंकल ने अपना एक हाथ मेरे सूट के अंदर डाला, और वो मेरे स्तनों को मसलने लग गया।
अंकल की हल्की सी आवाज आई - दीपिका मेरी जान, मुझे आज तेरा दूध पीना है।
मैंने भी अपना सूट ऊपर की तरफ सरकाया, और मैंने अपने एक निपल्स को अंकल के मुँह में दे दिया। अब अंकल बच्चों की तरह मेरे स्तन में से दूध पी रहे थे।
काफ़ी देर तक उन्हें मेरे स्तन चूसे, और उसके बाद उन्हें मेरी सलवार उतार दी। मैने अंदर काले रंग की ब्रा पैंटी पहन रखी थी।
अंकल की नज़र मेरी गांड पर थी, उन्हें मेरे पीछे की तरफ घुमाया और मेरी पैंटी को मेरी गांड से अलग कर दिया। अनहोने अपना लंड मेरी गांड की दरार में सटा दिया था।
अंकल के गरम लंड का एहसास मुझे काफी अच्छा लग रहा था, और फिर शायद अंकल ने अपने लंड पर कुछ गीला गीला सा लगया। शायद वो उनका थूक था, मैंने भी अपनी गांड उठा कर उनके लंड से सटा दी।
अब अंकल धीरे धीरे अपना लंड मेरी गांड में डालने लग गये। उनका लंड अगर मेरी गांड में जा रहा था, आह उनका लंड मेरी गांड के अंत तक चला गया।
करीब 10 मिनट तक उन्हें ऐसे चोदा और फिर अपने लंड का सारा पानी मेरी गांड में डाल दिया। जिसकी गमहत से मेरा बदन ठीक हो गया और मैं अंकल की पत्नी बन गई।
फिर अंकल मेरे पीछे से ही मेरी कमर में हाथ डाल कर सो गए। इसी तरह अंकल ने रात को मुझे 2 बार चोदा। सुबह जब मेरी आंखें खुली तो मैं नहा कर दूध का गिलास ले कर अंकल के सामने खड़ी थी।
उस समय मैं एक रात और उसके अंदर काले रंग की ब्रा पैंटी मैंने पहन ली थी। मैं अंकल से शरमते हुए बोली - दूध पी लीजिये जी।
अंकल- मैं सिर्फ अपनी दीपिका का दूध पिऊंगा।
मेरी नज़र उनकी पत्नी होने के एहसास से शरम से झूल गई, और मैं कहाँ से जाने लगी।
तभी अंकल ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, और वो बोले – क्यों मुझे दूध नहीं पिलायोगी डार्लिंग?
मैं मस्कारी पर मैं कुछ नहीं बोली, इतने में अंकल ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे होठों को वो चूसने लग गए। फिर उन्होंने मुझे बिस्तार पर ले लिया और वो मेरा दूध पीने लग गए।
उस दिन मैंने अंकल को बहुत देर तक दूध पिलाया, इतने में फोन की रिंग बजी मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ पापा थे।
पापा- बेटा दीपक, हमें यहां 3-4 दिन लग जाएंगे, क्या तुम अकेले रह लोगे?
मैं- हां पापा कोई बात नहीं.
पापा- अगर तुम्हें डर लगे तो मनोज अंकल को बुला लेना।
मैं- ठीक है पापा.
जेसी ही फोन कट हुआ तो अंकल बोले- क्या हुआ?
मैंने उनको सब कुछ बता दिया, फिर क्या था अंकल ने मुझे 3 दिन तक अपनी पत्नी बना कर रखा। और तीन दिनो में उन्हें कम से कम 15 बार जाम कर चोदा।
फिर तीन दिन के बाद मेरे घर वाले वापस आ गए, और अंकल अपने घर चले गए। उस दिन से मेरी गांड की सुन्दरता और भी ज्यादा बढ़ गई थी।
अब मैं हर दिन लड़की की तरह दिखने लग गई थी। मेरी गांड के साइज़ में भी अब कुछ फ़र्क आ गया था। आख़िर अंकल ने मुझे 15 बार जाम कर चोदा था, तो मेरी गांड में फर्क तो आना ही था।
तभी अगले हफ्ते अंकल का दूसरे शहर में ट्रांसफर हो गया। अब मुझे एक हाल हो गया है, मुझे अभी तक किसी ने नहीं छोड़ा है।
अंकल मुझसे हमेंशा के लिए दूर चले गए, और मेरी काली को पूरी तरह खिला गए।
आपको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी?






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