राहुल, एक युवा लड़का, जो अभी पढ़ाई कर रहा था, ने अपनी ज़िंदगी की पहली याद, 'चाची की सज़ा', साझा की। यह घटना उसके जीवन का एक सच्चा अनुभव था, जो हमेशा के लिए उसकी यादों में दर्ज हो गया।
वह कुछ दिनों के लिए अपनी बड़ी चाची के घर रहने गया था। जब राहुल बाथरूम जा रहा था, तो उसने गलती से अपनी चाची को नहाते हुए देख लिया। उस दिन से, उसके मन में अपनी चाची के प्रति एक अनोखा आकर्षण पैदा हो गया था। उसकी चाची का फिगर और उनकी चाल उसे अपनी ओर खींचती रहती थी। उसके स्तन और उसकी उछलती हुई गांड उसे इतनी आकर्षक लगती थी कि वह खुद को रोक नहीं पाता था।
राहुल के दो चाचा थे। एक दुबई में और दूसरा देहात में रहता था। वह अक्सर अपने चाचा की पत्नी, अपनी बड़ी चाची, जो दुबई में रहती थीं, से बात करता था और उनके पास रहने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता था।
शादी के दिन, जब घर में सब काम में व्यस्त थे, राहुल के विचार कहीं भटक रहे थे। पिछली रात, अपनी बड़ी चाची के बारे में सोचते हुए उसे एक खास अनुभव हुआ था। उसी दौरान, उसने गलती से काकी का हाथ पकड़ लिया था।
काकी के प्रति राहुल का आकर्षण कोई नई बात नहीं थी। काकी का 32-35-37 का फिगर उसे हमेशा से आकर्षित करता रहा था। पिछले दो सालों से काकी के दुबई में रहने की वजह से राहुल को काकी के साथ रहने के कई मौके मिले थे। लेकिन उस रात काकी ने कुछ नहीं कहा। राहुल के मन में डर और उत्तेजना का एक अजीब सा मिश्रण था। उस रात शादी की तैयारियाँ खत्म हो चुकी थीं और सोने का इंतज़ाम हो रहा था। तय हुआ कि राहुल काकी के बगल वाले कमरे में सोएगा। राहुल अपने कमरे में गया और सोने की कोशिश की। लेकिन काकी की तस्वीरें उसके दिमाग में घूम रही थीं। उनके बड़े स्तन, उछलते हुए नितंब और मुस्कान उसे परेशान कर रही थीं।
कुछ देर सोचते-सोचते राहुल को पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गई। अचानक रात में उसकी नींद टूट गई। उसे बाथरूम जाना था, और वह काकी के बगल वाले बाथरूम का इस्तेमाल करना चाहता था। जब वह बाथरूम में गया, तो उसने देखा कि वहाँ आंटी की ब्रा लटकी हुई थी।
राहुल का हाथ अपने आप ब्रा पर चला गया। ब्रा छूते ही उसके मन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई। वह आंटी के स्तनों और योनि की कल्पना करने लगा। ब्रा उसके लिंग से रगड़ खा रही थी और उत्तेजित हो रही थी। तभी पीछे से आवाज़ आई, "राहुल, यह क्या कर रहे हो?"
राहुल चौंक गया और उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। जब उसने पलटकर देखा तो आंटी वहीं खड़ी थीं।
आंटी ने राहुल से उसकी हरकत के बारे में पूछा। राहुल डर गया और माफ़ी मांगने लगा। वह उनके पैरों में गिर पड़ा और बोला, "प्लीज़, किसी को मत बताना। मैं ऐसा दोबारा कभी नहीं करूँगा। आप जो भी कहेंगी, मैं करने को तैयार हूँ। बस किसी को मत बताना।" आंटी ने गंभीर स्वर में कहा, "ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊँगी। लेकिन तुम्हें इसकी सज़ा ज़रूर मिलेगी।"
उन्होंने राहुल से कहा, "मेरे कमरे में जाकर बैठो। मैं आ रहा हूँ। मैं तुम्हें वहीं सज़ा दूँगा।" राहुल डर और उत्तेजना में उस कमरे में गया और बैठ गया।
राहुल अपनी आंटी के कमरे में बैठा लगातार सोच रहा था कि अब वह उसके साथ क्या करेंगी। वह डर और घबराहट से पूरी तरह ग्रस्त हो गया। तभी उसे कमरे के बाहर से उसके कदमों की आहट सुनाई दी। उसकी मौसी कमरे में आईं और दरवाज़ा बंद कर दिया।
वह धीरे से राहुल के पास आईं और बैठ गईं और उसे गौर से देखने लगीं। उन्होंने पूछा, "तुम मुझे कितना पसंद करते हो?"
राहुल ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, "बहुत।"
उसकी मौसी ने फिर पूछा, "कितना? बस मेरी तरह या कुछ और?"
राहुल थोड़ा डरा हुआ था और बोला, "मुझे तुम बहुत सेक्सी लगती हो।"
उसकी मौसी मुस्कुराईं और बोलीं, "ठीक है, तो तुम क्या करना चाहते हो?"
राहुल ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "मैं तुम्हें गले लगाना चाहता हूँ।"
मौसी ने धीरे से पूछा, "क्या तुम मुझे सिर्फ़ गले लगाना चाहते हो या मुझे चोदना भी चाहते हो?"
यह सुनकर राहुल की साँस अटक गई। उसने जल्दी से कहा, "क्या बात कर रहे हो?"
मौसी उसकी ओर झुकीं और बोलीं, "सच बताओ, अगर मैं तुम्हें मौका दूँ, तो क्या तुम मुझे चोदोगे?"
राहुल ने बीच में ही टोकते हुए कहा, "आंटी, क्या आप मज़ाक कर रही हैं?"
आंटी ने गंभीरता से कहा, "मैं मज़ाक नहीं कर रही। मैं तुम्हें सच में एक मौका दे रही हूँ। लेकिन याद रखना, अगर तुम मुझे खुश कर सको, तो यह सेशन जारी रहेगा। वरना, यहीं खत्म हो जाएगा।"राहुल ने धीरे से जवाब दिया, "ठीक है।"
आंटी ने एक शर्त रखी, "और एक बात। इस बारे में किसी को मत बताना। अगर किसी को पता चला, तो मैं तुम्हें बर्बाद कर दूँगी।"
राहुल ने तुरंत सिर हिलाया और कहा, "आंटी, क्या मैं पागल हूँ? मैं किसी को इसके बारे में क्यों बताऊँ?"
आंटी ने उसे अपने पास खींचा और कहा, "अब मुझे अपना हुनर दिखाओ।"
इसके बाद, आंटी राहुल के होंठों को चूमने लगीं। वह पागलों की तरह राहुल के होंठों को चूसने लगीं। राहुल खुद को रोक नहीं पाया और पूरी तरह से उनके साथ बह गया।
आंटी का हर चुंबन राहुल को एक अलग ही दुनिया में ले जा रहा था। उसने हाथ बढ़ाकर आंटी के बड़े, मुलायम स्तनों को पकड़ लिया। उसने आंटी की ड्रेस ऊपर उठानी शुरू की, और आंटी ने खुद उसकी मदद की और अपनी ड्रेस उतार दी।
राहुल के हाथ आंटी के दूध जैसे मुलायम स्तनों पर थे। आंटी फुफकारते हुए बोलीं, "मैं अब और नहीं सह सकती। अगर तुमने मुझे अभी नहीं चोदा, तो मैं पागल हो जाऊँगी।"
राहुल ने बिना समय गँवाए अपनी जींस और शॉर्ट्स उतार दिए। आंटी ने भी अपने कपड़े उतार दिए। वह बिस्तर पर लेट गईं और राहुल को अपने पास आने का इशारा किया।
राहुल पूरी तरह से उनके ऊपर झुक गया। उसका लंड आंटी की चूत को छू रहा था। आंटी ने राहुल को चेतावनी दी, "राहुल, धीरे से।"
लेकिन राहुल बोला, "आंटी, प्लीज़ मुझे अंदर आने दो।"
आंटी ने उसका लंड पकड़कर अपनी चूत पर रखा और कहा, "अब धक्का दो।"
राहुल ने धीरे से अपना लंड आंटी की चूत में डाला। उनकी चूत गीली थी, इसलिए उसका लंड बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया। राहुल के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी, मानो वह किसी अलग दुनिया में खो गया हो।
आंटी के होंठों से कराह निकलने लगी, "उम्म्म... आह... राहुल, और ज़ोर से।"
राहुल ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। आंटी के स्तन हिल रहे थे, और वह अपनी चूत में उसके लंड के हर धक्के को महसूस कर रही थीं। उन्होंने अपने हाथों से राहुल की पीठ पकड़ी और उसे अपने पास खींच लिया। आंटी की आवाज़ कमरे में गूँज उठी, "ओह... राहुल, हाँ... ऐसे ही।"
राहुल के धक्कों ने आंटी को पूरी तरह से पागल कर दिया था। उन्होंने राहुल को अपनी टांगों से बाँध दिया ताकि वो और भी ज़ोर से धक्के लगा सके। आंटी की चूत से आ रही आवाज़ें कमरे को और भी रोमांचक बना रही थीं।
"राहुल, तुम्हारा लंड कितना बड़ा है... ये मेरी चूत को भर देता है," आंटी ने मज़े से कहा।
राहुल ने अपना लंड और अंदर तक डाला। आंटी ने अपनी कमर उठाई और उसे और भी अंदर जाने दिया। उनकी साँसें तेज़ हो रही थीं, और पूरा कमरा उनके आनंद से भर गया था।
आंटी कराह उठीं, "ओह, और तेज़ करो, राहुल... मुझे तुम्हारी ज़रूरत है।"
राहुल पूरी ताकत से उनकी चूत को रगड़ने लगा। आंटी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने होंठ काट लिए, आनंद में डूब गईं।
"राहुल, मैं झड़ने वाली हूँ," आंटी ने ज़ोर से कहा।
राहुल ने अपनी गति और बढ़ा दी। वह उनके पूरे शरीर को सहलाने लगा। वह ज़ोर से चिल्लाई, "आह, हाँ... राहुल, यही तो मैं चाहती थी।"
राहुल ने आखिरी धक्के के साथ आंटी की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। आंटी की चूत से पानी बहने लगा और दोनों ने गहरी साँसें लीं।
राहुल आंटी पर गिर पड़ा और कुछ देर तक एक-दूसरे से लिपटे लेटे रहे। आंटी ने धीरे से राहुल के बालों को सहलाया और कहा, "तुमने मुझे बहुत खुश कर दिया। अब यह हमारा राज़ है। किसी को मत बताना।"
राहुल मुस्कुराया और सिर हिलाते हुए बोला, "आंटी, यह पल मेरी ज़िंदगी का सबसे खास पल था।"






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