Friday, 18 July 2025

मम्मी अब क्यू चिल्ला रही हो

 देसी सेक्स स्टोरी मेरा नाम आशिष है और मुख्य 22 साल का गब्रू जवान लडका हुन. मेरे घर में मेरे पापा और मेरी मम्मी है. मेरे मम्मी का नाम ज्योती है, उनकी उमर 45 साल है. मेरी मम्मी सावली है, पर उनकी शरीर भूत अच्छी है. उनके मोटे मोटे स्तन और जबर्दस्त गांड, कोई भी देख ले तो फिदा हो जाये. माँ की चुदाई कर देता जब लंड खडा होता.


हम लोगो की खेती बड़ी है, खेती से हमारे घर का अच्छा चल जाता था. बापू आदमी राखे है खेतो मे काम करने के लिये. मैं अपना 11वी वर्ग का परीक्षा दे कर फ्री हुआ था, एक दिन की बात है. मैं subah utha मम्मी bartan saaf कर राही थी आंगन मी. मैं वाही मम्मी के समान ब्रश करना लगा, मम्मी ने साडी घूतानो तक उठा राखी थी.


तबी मम्मी झुकती है मम्मी का पल्लू गिर गया, मेरे सामने अनकी बडी बडी चुचिया दिख रही थी, ये सीन देखकर मेरा लंड खडा हो गया. मेरे अंदर वासना जगने लागी, मम्मी ने तुरंत पल्लू रख कर चुकियो को जल्दी से धक लिया.


पर वो पुरी तरफ से झक नहीं पायी थी, उनका क्लीवेज दिखी दे रहा था. मैं ये सीन देख कर पागल हो रहा था, तबी मम्मी सारे बर्तन धुल कर खडी हो जाती है. और वो मुझे आवाज देते है.

मम्मी – चल जल्दी से अपने कापडे निकल, मैं धो कर नहाऊंगी, मुझे और भी काम है.


मैं नहीं का नाम सुन कर जल्दी से ब्रश करना लगता हूं. तबी मम्मी अपनी साडी उतार देती हैौर मेरे सामने पेटीकोट ब्लाउज मे खादी हो जात, फिर मेरे तरफ अपनी पीठ कर लेती है. और वो अपना ब्लाउज उतार देता है, मेरे सामने मम्मी की नघी पिठ थी, उनकी क्या मस्त गांड थी. मेरा मन कर रहा था की अभी उन्हे पकड कर में छोड दून.


मुझे अब नियंत्रण नहीं हो पा रहा था, मैं ब्रश करके अपनी बनियां और हाफ पेंट उतार देता हूं. मम्मी अपनी पेटीकोट का नारा खोलती है और वर करके अपने चुनियो को धक कर कपडे धुलने लगती है. मेरे निकर मे तंबू बन जाता है, मैं मम्मी के पास जाता हूं. और मुख्य apne kapade मम्मी को दे देता हूँ.


तबी मम्मी की नजर मेरे खडे लंड पर पडती है, और वो कुछ दूसरे के लिए रुक जाती है. मेरी नजरे मम्मी के उभरे चुचियो पर पडती है जो की बहार आने की कोसिस कर ही होती है. मम्मी मेरे हाथ से कपडे लेती है, और जमीं पर रख कर मुस्कुराने लगती है. मैं मम्मी की मुस्कुरात को समझ रहा था, की वो मेरे लंड को देख कर रहा है.


तबी मम्मी मेरी लंड की tarf नजरे करते है फिर thoda और muskurane lagti है.


मैं - क्या हुआ मम्मी?

मम्मी हसी रोकते हुए बोली – कुछ नहीं बेटा.


मैं - क्यू है राही हो आप मुझे भी बताओ ना?


मम्मी मेरी लंड की तरफ देखती है, और फिर मेरे चेहरे की तरफ देख कर बोलती है.


मम्मी – देख रही हूँ, की तू अब बडा हो गया है, मैं तो तुझे अभी भी छोटी समझी थी.

मम्मी फिर है कर काम करना लगती है, और मुख्य मम्मी से बोला.


मैं - तो ये बात है.

मम्मी – हान अब लगता है, तेरी शादी करनी पडेगी.


मैं - नहीं मम्मी, मुझे तो तुम्हारे साथ रहना है.


मम्मी – अरे कब तक मम्मी के पल्लू से बंध रहेगा, कभी ना कभी तो शादी करनी पडेगी तुझे.


मुख्य - मम्मी तब की तब देखी जायेगी, अभी सरफ तुम ही मेरी पासंद.


मम्मी मुझे देखती है, और हसने लगती है और बोलती है.


मम्मी – चल अच्छे सामने से हट मुझे नहीं है.


मम्मी कपाडे साइड करती है, और मुख्य मम्मी के पीछे जेकर बैठ जाता हूं. और उनकी मस्त गांड निहारने लगता हूं, मम्मी अपनी मिसात जिस्म पर पानी डालती है. और सबुन लगने लगती है, अभी मुझे एक विचार आता.


मैं मम्मी से कहता हूं – मम्मी तुम्हारी पिठ पर भाऊ मेल लगी हुई है.


मम्मी – हान मैं जानती हूं, पर मेरा पिचे हाथ नाही पाहुता. Isliye thik से साफ नहीं कर पती हूं.


मैं – मैं लगा दूँ फिर मम्मी, मैं साफ कर देता हूं.


मम्मी – नही बेटा रहने दे, बाद में खुद साफ कर लुंगी.


मैं जिद करना लगता हूं, मम्मी कुछ कह नहीं पाती है. और फिर आखीर में वो मुझे मंजुरी दे देती है.


मम्मी - ठिक है, चल ठिक है. पर जल्दी कर तेरे बापू आ गये तो मुसिबत हो जायगी.


मैं - अरे मम्मी पापा बाजार गए हैं. आज खेत का सामान लेने, वो दोपेहर तक नहीं आएंगे आज.


मम्मी के दिल को थोड़ी तस्ली मिली, फिर मुख्य सबुन लेकर मम्मी की पिठ को मालने लगा. मैं ढेरे धीरे कर रहा था. मम्मी को अब माझा आ rha था, मुख्य अपना लंड nikal कर मम्मी की gaand के ched के bich chubhone lagta हुन. मम्मी samjh chuki थी की मुख्य unki gaand मी लंड chubho rha हुन.


फिर मम्मी ने अपनी आँखे बँड कर ली थी, और अनके मुह से आह आह करके सिसकीरिया निकलने लग गी थी. मैं apana हाथ unki गले से आला boobs की tarf badhane लगा gya. मैं डर ना करते हुए मम्मी के पेटीकोट के एंडर बुब्स को अपने हाथो से पकड कर डबा दिया. तबी मम्मी ने आंखे खोली मुझे को अपने से दूर दिया, और नहीं लग

लगी

और तुरंत उठ कर अपने कमरे में चल गई, मुझे आश्चर्य से हुई इस तरफ की हरकत ने मुझे हैरान कर दिया. मुझे लगा मम्मी को बुरा लगा गया है, मैं नहीं लिया और अपने कामरे में चला गया. "माँ की चुदाई कर"


मैं रूम का drawaja बँड कर के मम्मी के नाम की muth marne लगा gya. थोडी देर हिलाने के बाद मेरा मुम्मिल निकल गया, और मैं बेड पर देर गया. त्याचे लाकूड मुख्य मम्मी को chodane के सपने dekhne लाग gya. तब भी मेरी निंद लग जाती है, और मैं तो जाता हूं. कुछ घंटा बाद मेरी निंद खुलती है.


और मम्मी दरवाजा खटखटा रही थी, मुख्य मम्मी को जबाब देता हुआ बोलता हूं.


मम्मी – हान मम्मी आ रहा हूं.


मैं उत्तरता और देखता हूं की पापा आगाये. और आगे खतिया पर आराम कर रहा है. मैं किचन में जता हूं और मैं आदमी ही आदमी डर रहा था.


की मम्मी मुझे देतें ना सुबाह को लेकर पर मम्मी ने मुझे कुछ नही बोला. और मैं देखता हूं, की मम्मी पुरी पैसे से भीगी हुई है, उनके पैसे की खुशबू मेरे काम उठना को बड़ा राही थी. तबी मम्मी मेरी तरफ देखती है, और वो मुस्कुरते हुई बोली.


मम्मी – आग्या मेरा बेटा, चल बैठ में खाना निकलती हूं.


मैं बैठ जाता हूं, और मम्मी खाना निकलती है. मेरी तरफ घुमटी है, मैं मम्मी की तरफ देखता हूं. मम्मी एक कामसीन औरत लग राही. मैं कहना खाने के बहाने से मम्मी के बदन को घर रहा था. तबी मम्मी अपनी सादी के पाऊल को हटा देती है, और अपने बदन को पूछने लगती है अपने पल्लू से.


मेरे नजर मम्मी के बुब्स पर जाती है, मम्मी का बुब्स पर जबर्दस्त उभर था. मेरा लंड khada हो जाता है, मुख्य तक taki लगा कर मम्मी के boobs को niharne lagta हुन. मम्मी भी मुझे और मेरे लंड को देख कर मंड ही मंड मुस्कुरा री थी.


तबी मम्मी मुझे बोलती है – क्या हुआ बेटा, कुछ और चाहिये क्या?


मैं - कुछ नही मम्मी.


मुख्य फिर खाना कहना के लिए baith जाता हूं.


मम्मी – मैं देख रही हूं तू आज कुछ बदला लग रहा है.


मैं – नही मम्मी ऐसा कुछ नहीं है, मम्मी अब पल्लू अपना ब्लाउज पर रख ली थी. मेरे चेरे पर निराशा आ गी थी.

मैं - मम्मी तुम गरमी मे सादी मत देखना करो, पुरा भीग जाती हो.


मम्मी – हान बेटा, मैं भी यही सोच रही हूं. पर घर मैं ऐसे घुमुंगी तो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा.


मैं - क्या मम्मी, कौन है घर में और तुम ही तो रहते है. पापा तो बहार ही राहते है, कोई आएगा तो सदी पहले लेना.


मम्मी – हम्म देखती हूं.


तबी पापा मम्मी को आवाज देते है मम्मी उठ कर बहार चली जाती है. मैं कहना खा कर भर अपने दोस्तो से मिलने चला जाता हूं. शाम को जब मैं घर अट्टा हूं, तो घर के आंगन में हाथ जोडी धुता हूं, और मैं मम्मी को दुंधने लगता हूं.


मम्मी अपने कमरे में थी, और अलमारी मे कपडे सही तरह से रख रही थी. मैं अपने निकर में ही रूम मे धीमे कदम से जाता हूं, मम्मी की गांड मेरे तरफ थी. वो कुछ सोच मे दुबी हुई थी. मैं उंदर जाता हूं, और अपनी मम्मी को पिचे से पकड लेता हूं. मम्मी एक दम से डर जाती है, और वो तुरंत मेरी तरफ माती जाती है.


मम्मी - अरे बेटा तू?


मैं मम्मी के पेट पर हाथ फिरते हुए बोला – हान मम्मी.


मम्मी – तुमने तो दारा ही दिया था मुझे.


मैं मम्मी को अपने बहो मे चिपा देता हूं, मम्मी के बुब्स मेरे चाटी मे धस रहे द. मैं अपने हाथों से मम्मी की पीठ सहला रहा था, जिस्से मम्मी भी सिसकिया लीने लागी थी.


मैं - अरे मम्मी मेरे होते हुए तुम्हे किसी से डरने की जरुरत नहीं है.


मैं मम्मी के गार्डन पर चुंबन कर देता हूं, मम्मी भी मेरे पीठ को साहला राही थी.


मैं - मम्मी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं.


आणि ये kehte हाय  मम्मी के galo पर चुंबन karne lagta हुन.


मम्मी – मैं भी बेटा, तू ही तो है मेरे जिगर का तुकडा.


मैं apne honth मम्मी के hontho पर rakh देता हूं, और मैं unke hontho को chusane lagta हूं. मम्मी भी मेरा साथ देना लगती है, मम्मी और मैं अपने होता को अलग करता है. मैं मम्मी का पल्लू स्तन पर से हटा देता हूं. और मुख्य मम्मी के boobs को daaton से katne lagta हूं और फिर मम्मी बोली.

मम्मी – आह बेटा आराम से आह आह.


मैं अपने दोनो हाथों से मम्मी का ब्लाउज पुरा खोल देता हूं, मम्मी का लटकता हुआ बॉब्स देख कर मैं पागल हो जाता हूं. में apne muh से unke dono boobs ache se chusta हून. अब मुख्य डर ना करते हुए मम्मी की सद्दी उतर कर अनके पेटीकोट का नारा खोल देता हूं.


मम्मी की चुट अब मेरे सामने थी, मम्मी की चुट पर बाल. और फिर मुख्य मम्मी को जमीं पर leta deta हुन. मैं अपनी निकर खोल देता हूं, मेरा बडा लंड देख कर मम्मी बोली.


मम्मी – हाये दैया इतना बडा है तेरा हटियार है. है ये चलता भी है या बस देखने के लिए है.


ये कह कर मम्मी हसने लगती है, और फिर मैं बोला.


मैं अपना लंड मम्मी की choot पर सेट करता हूँ, और मम्मी की chut में एक झटके से ander डाळ deta हुन. मम्मी कस कर चिल्ला उठती है और जोर से बोली.


मम्मी – बहार निकल इसे जल्दी.


मुख्य apne लंड को ander bahar karne lagta हुन आणि मुख्य बोला.


मैं – मम्मी अब क्यू चिल्ला राही हो, अब तो मैं अपना हाथियार भी चला रहा हूं.


ये कहते ही मैने मम्मी के hotho को chusna shuru कर दिया. मैं करिब एक घंटा चुट चोदने के बाद मेरा झर्न वाला होता है. और मुख्य chut से लंड nikal कर मम्मी के muh मी डाळ deta हुन. "माँ की चुदाई कर"


और मम्मी मेरे लंड को chusne लगती है, और फिर मैं अपना सारा Mummyl मम्मी gatak जाती है. मेरा ध्यान मम्मी की गांड की तरफ चला जाता है, और मैं मम्मी की गांड पर हाथ फिर रहा था.


मम्मी मुझे मना करना लगी और बोली – बेटा नहीं रहना दे.


पर में नहीं माना, और मैं मम्मी को घोडी बना दिया. आणि uski gaand को chodane लाग gya.


मम्मी तेजी से आवजे निकलने लग गी, मैं फिर भी नहीं रुका. और मुख्य उने जोर जोर से chodta चला gya. Karib दो ghante lagatar chodane के बाद मैं लंड को bahar nikla.

और मैने देखा की छुट से पानी निकल रहा है, मैं और मम्मी एक दसरे के बहो मे लेते हुए थे, अब हम खुल गए थे जब भी हमे मौका मिलता तो मैं अपनी मम्मी की चुदाई कर देता था.