दोस्तों मैं किशोर अपनी मां की चुदाई की कहानी का अगला पार्ट लेके हाजिर हूं। पिछला पार्ट अगर आप में से किसी ने नहीं पढ़ा है, तो उसको ज़रूर पढ़े।
पिछला भाग :- जवान और खूबसूरत सोतेली माँ 2
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि मैं अपनी सौतेली मम्मी को कपड़े बदलते देखते हुए पकड़ा गया। फिर जब मम्मी ने मेरे कमरे में आके पूछा, तो मैंने झूठ बोलने की कोशिश की। लेकिन मेरा झूठ पकड़ा गया। फिर मम्मी ने मुझे मेरा लंड उनको दिखाने को कहा। मैंने लंड दिखा तो दिया लेकिन वो बैठा हुआ था। उसके बाद मम्मी ने अपना हाथ लंड पर रखा, जिससे वो पूरा तन गया। अब आगे की कहानी-
मेरे तने हुए लंड को देख कर मम्मी बोली-
मम्मी: तेरा लंड तो बढ़िया है। बहुत सख्त है, और लंबा भी है। तू तो किसी भी लड़की को खुश कर सकता है। फिर मुझे क्यों देखता है?
मैं: मम्मी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो। मैं जानता हूं कि पापा आपको खुश नहीं करते है। अगर आप चाहो तो आप मेरे इस लंड का इस्तेमाल कर सकती है।
मम्मी: ये तो तूने सच कहा कि तेरे पापा मुझे संतुष्ट नहीं करते। लेकिन फिर भी तू मेरा बेटा है। तेरे साथ मैं कुछ ऐसा-वैसा नहीं कर सकती।
मम्मी ये सब बोल तो रही थी, लेकिन एक टक मेरे लंड को देखे जा रही थी।
फिर मैं बोला: मम्मी तुमने कौन सा मुझे अपनी कोख से पैदा किया है। समझदार लोग कहते है जब मौका हाथ आया हो, तो उसको गंवाते नहीं है। आज आपका मौका आपके हाथ में है। अगर आपने इसको गवा दिया, तो बार में पछताना ना पड़ जाए।
मम्मी: तू सही कह रहा है, लेकिन अगर किसी को पता चल गया तो?
मैं: किसी को कुछ पता नहीं चलेगा मम्मी। जो भी यहां होगा, वो इस कमरे की चार दीवारों में ही रहेगा।
मम्मी: पक्का ना?
मैं: हां मम्मी, बिल्कुल पक्का।
ये बोल कर मैंने अपना लंड मम्मी के और करीब कर दिया। अब मम्मी और कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, तो उन्होंने अपना मुंह मेरे लंड के पास किया, और उसको चाटने लगी। उनकी जीभ लंड पर लगते ही मेरे मुंह से आह निकल गई। मम्मी के बाल खुले थे, मैं उनके बाल पकड़ कर पीछे करने लगा, और मम्मी मजा लेते हुए लंड को चाटने लगी। उनके मुंह से आह आह निकल रहा था।
फिर मम्मी ने मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया, और उसको चूसना शुरू कर दिया। इस दौरान मम्मी ने मेरी तरफ देखा, हम दोनों की नजरें मिली, और मम्मी ने सेक्सी वाली स्माइल दी। मम्मी के मुंह की गर्मी तो मुझे सीधा स्वर्ग में ले गई। उत्तेजना से मेरी सांसे तेज़ होने लगी थी। मम्मी ऐसे लंड चूस रही थी, जैसे बरसों से प्यासी हो। वैसे वो प्यासी थी भी।
कुछ देर में मैंने मम्मी के बाल पकड़ लिए, और उनके मुंह में धक्के देने लगा। इससे मम्मी खांसने लगी, लेकिन लंड चूसने से बाज नहीं आई। फिर मैंने उनके मुंह से लंड निकाला। मेरा लंड उनकी थूक से सना हुआ था। मैंने लंड हाथ में लिया, और उनके मुंह पर मारने लगा।
फिर मैंने बोला: मम्मी सिर्फ आप ही चूसोगी क्या? मुझे भी तो स्वाद लेने दो अपनी चूत का।
ये सुन कर मम्मी मुस्कुराई, और खड़ी हो कर अपनी नाईटी उतार दी। नीचे मम्मी ने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी। उनका जिस्म इतना करीब से देख कर मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए। फिर मम्मी ने अपनी पैंटी उतारी। उनकी चूत बिल्कुल चिकनी थी। उसके बाद वो बेड पर टांगें खोल कर लेट गई, और बोली-
मम्मी: आजा मेरे बेटे, चूस ले अपनी मां की प्यासी चूत।
ये सुनते ही मैंने बाकी के कपड़े निकाले, और मां की चूत पर टूट पड़ा। मैंने मम्मी के ऊपर आके उनकी चूत को मुंह लगाया, और कुत्तों की तरह चाटने लगा। मैं चूत का मुंह खोल कर उसने अंदर जीभ डालने लगा। मम्मी आह आह करते हुए मेरे बालों में हाथ फेरने लगी, और मैं मम्मी की चूत के दाने को टटोल रहा था। फिर मैंने अपनी पूरी जीभ मम्मी की चूत में धकेल दी। इससे मम्मी की जोर की आह निकली। उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत में दबा लिया, और मैं जीभ अन्दर-बाहर करता रहा।
कुछ देर चूत का स्वाद लेने के बाद अब बारी थी ऐसी एक्शन की। मैं मम्मी के ऊपर आया, और ब्रा खोल कर उनके चूचे बाहर निकाल लिए। मैं बड़ी जोर से मम्मी के चूचे दबाने लगा, और उनके होंठों से अपने होंठ चिपका लिए। दोस्तों मां के होंठों का रस जिस भी बेटे ने पिया है, वहीं समझ सकता है कि इसका मजा क्या है। मां मेरे मुंह में जीभ डाल-डाल कर अपनी थूक मुझे पिला रही थी। फिर मैं उनके निपल्स चूसने लगा।
इस दौरान मैंने अपना खंड एक हाथ में लिया, और मम्मी की चूत पर सेट किया। फिर मैंने धक्का मारा, और मेरा लंड फिसलता हुआ पूरा उनकी चूत में चला गया। मम्मी ने जोर की सिसकारी भरी आह करके, और मुझे कस के बाहों में भर लिया। मम्मी की गरम चूत के एहसास के बारे में तो मैं क्या ही बताऊं। स्वर्ग से भी मजेदार अगर कोई एहसास होता है, तो उस वक्त मैं वहीं एहसास ले रहा था।
फिर मैंने मां की चूत में धक्के मार कर उनको चोदना शुरू किया। वो आह आह करने लगी और मैं चोदता गया। साथ में मैं उनके चूचे पीता गया। कुछ देर में मम्मी मुझे जोर-जोर से करने को बोलने लगी, और मेरी गांड पर हाथ रख कर मुझे अपनी तरफ खींचने लगी। मैं भी पूरा जोर लगा कर मम्मी की चुदाई करने लगा। तभी मम्मी बोली-
मम्मी: शुक्रिया बेटा, आज तूने मुझे वो सुख दिया है, जो कभी तेरे पापा ने नहीं दिया। किसी ने सच ही कहा है कि पैसा सब सुख नहीं दे सकता। चोद बेटा चोद, बहुत चोदना है अभी तुझे मेरे को मेरी प्यास बुझाने के लिए।
मैं और जोश से मम्मी की चुदाई करने लगा। कुछ देर में मम्मी आह आह करते हुए कांपने लगी। मुझे अपने लंड पर उनकी चूत का माल महसूस हो रहा था। मैंने लंड बाहर निकाल कर देखा, तो मम्मी की चूत माल छोड़ रही थी। फिर मैंने दोबारा लंड अंदर डाल दिया, और 2 मिनट तेजी से झटके दे कर खुद भी मम्मी के अंदर ही झड़ गया।
आज हमारा रिश्ता बदल चुका था। उसके बाद से मम्मी की प्यास मैं आज तक बुझा रहा हूं। मम्मी की चूत