Sunday, 4 May 2025

शर्त जीतकर माँ चुदाई

 नमस्कार सेक्स कथा वाचक, . मेरी पिचली कथा जरूर पडिएगा. आपको माझा आयेगा. ये कहानी राज ने भेजी है यूपी से. तो चलिये कहानी शुरू करता है राज के शब्दों में.


मेरा नाम राज है. मैं 21 साल का हु, और कॉलेज में पढ़ता हु. मेरी परिवार में माँ, पापा, बडी बेहान, और एक छोटा भाई है. हम सब आधुनिक है, और हस-खेल कर अपनी लाइफ जीते है. हमारे घर में सबी स्पष्ट है, और छोटी-मोती बातों पर बुरा नहीं लगता. हम एक-दूसरे से हर तराह की बात कर देते है.


ये कहानी मेरी और मेरी माँ की चुदाई की है, जो हुई तो बस एक बार, लेकीन उसकी याद कभी दिमाह से नहीं जा शक्ती. चलिये सुनाता हु चुदाई हुई कैसे.


एक दिन की बात है. माँ की मम्मी, यानी की मेरी नानी की तबियत खराब थी. उनका फोन आया, तो मम्मी ने पापा को चलने के लिए कहा. पापा ने काम की वजह से मुझे मम्मी को वहन लेके जाने को बोल दिया.


ये कहानी मेरी और मेरी माँ की चुदाई की है, जो हुई तो बस एक बार, लेकीन उसकी याद कभी दिमाह से नहीं जा शक्ती. चलिये सुनाता हु चुदाई हुई कैसे.


एक दिन की बात है. माँ की मम्मी, यानी की मेरी नानी की तबियत खराब थी. उनका फोन आया, तो मम्मी ने पापा को चलने के लिए कहा. पापा ने काम की वजह से मुझे मम्मी को वहन लेके जाने को बोल दिया.


बडी बेहान कॉलेज की वजाह से, और छोटा भाई स्कूल की वजाह से नहीं जा सकता. फिर मैं और मम्मी हाय वाह गये. हम गाडी में जा रहे थे, और 6 घंटे का सफर था. शाम को 6 बाजे हम निकले घर से.


मम्मी ने साडी पहली हुई थी यलो कलर की, और उसमे वो बहुत सुंदर लग रही थी. वैसे में अपनी माँ के बारे में बता दू. माँ की उमर 45 साल है, और उनका फिगर 38-34-40 आहे. रंग उनका गोरा है, और नैन-नक्ष भी अच्छे है. मैं जीन्स और टी-शर्ट pehni हुई थी.


तकरीबन 1 घंटे की ड्राइव का बाद मुझे अस्मान में थोड़े बादल से नजर आये. मैं माँ से कहा-


मुख्य: लगता है बारिश होने वाली है.


माँ : अरे नाही होणार.


मुख्य: देखो बादल.


माँ: इतने से बदल ते रोज अस्मान में होते है.


मुख्य: अरे मुख्य कह रहा हू ना.


माँ : चल शार्ट लगते है.


मुख्य: किस चीज की?


माँ : वो ठरव कर लेंगे. जो जीतेगा, वो जो बोलेगा दूसरे को करना पडेगा.


मुख्य: पक्का ना? पिचली बार आप मुकर गए द.


माँ: इज बार नाही मुक्ती.


मुख्य: चलो थेक है.


फिर हम बातें करते हुए ऐसे ही आगे बढने लागे. आगले आधे घनते में अस्मान में गरीबे बादल घिर आये, और बिजली कडकने लागी. मैं माँ से कहा की हम किसी हॉटेल में रुक जाते है. लेकीन वो नहीं मानी, और बोली बारिश नहीं होगी.


फिर आधे घनते बाद बहुत तेज बारीश होना लगी. इतनी बारिश में गाडी चालना मुश्कील हो रहा था. तबी हमने देखा की आगे एक ट्रक का अपघात हुआ पडा था, जिस्से रोड ब्लॉक हुआ पडा था. अब हमारे पास रुकने के आलावा और कोई रास्ता नहीं था.


फिर हम 2 किलोमीटर पीचे आए, और एक हॉटेल में चले गए. पार्किंग से हॉटेल की एंट्री थोडी डोर थी, और वहन तक पाहते हुए हम थोडा भीग गये. फिर हमने रूम लिया, और रूम में चले गए. रूम में जाके जब मैं माँ को देखा, तो देखते ही रहा.


माँ की साडी बारिश में भीगने की वजाह से गरीबी पारदर्शी हो गई थी, और उसमे से माँ का बदन दिख रहा था. Unko ऐसे देख कर मेरा लंड khada होना लग गया. फिर हम बैठ गये, और माँ बोली-


माँ: तू शर्ट जीत गया. बात काय करू.


मेरे मन में माँ का जिस्म देख कर आग लगी थी. पता नहीं कैसे मेरे मुह से निकल गया-


मुख्य: माँ मुझे आपको नंगा देखना है.


आई: काय!?


मुख्य: हा माँ, मैं याही चाहता हूं. बाकी आप फिर से मुकर जाओ, कोई बात नहीं है.


मेरी बात सुन कर माँ मेरी तरफ अजीब धंग से देखने लगी. फिर वो मुझे थोडा दरवाजा जा कर खादी हो गई. माँ ने सच में अपनी साडी उतरणी शुरू कर दी. पेहले साडी उतरी, और फिर ब्लाउज. उसके बाद पेटीकोट उतार के बोली-


माँ: थेक है, देख लिया?


मुख्य: ब्रा और पेंटी अभी बाकी है.

फिर माँ ने ब्रा आणि panty भी utaar दी. Doston Maa kitni सेक्सी लग राही थी मुख्य बात नाही sakta. भरे हुए मोटे स्तन, गुलगुली सी कमर, और मोती गांड. उनको देख के मेरा लंड पंत से बहर आने की कोशिष कर रहा था.


फिर माँ बोली: देख लिया? अब मैं कापडे पाहन लू?


मुख्य: अरे रुको तो, अच्छे से देखना तो.


ये बोल कर में माँ के पास गया, और उनके जिस्म को करिब से देखना लगा. मैं ghutno पर baith कर माँ की chut को गौर से देखना लगा. मेरे मन में आया की यही सही मौका था, तो मैं माँ की जानघों पर अपने हाथ रखे, और उनकी छुट पर मुह लगा दिया.


माँ की आह निकल गई, और वो मुझे मना करने लगी. Lekin मुख्य Chut में jeebh daalne लगा. 2-3 मिनिट लगतार में माँ की चुट बात-ता रहा. पेहले वो मन कर राही थी, लेकीन फिर मोन करना लगी. मैं samajh गया की माँ गरम हो गई थी.


फिर मैं खडा हुआ, और माँ के होंथो से होंत लगा दिया. अब मुख्य unko चुंबन karne लगा. वो भी साथ दे राही थी. किस करते हुए मैं उके मोटे स्तन को दाबने लगा, और पीचे झाकेलते हुए उनको बिस्तर पर लिता दिया.


फिर मुख्य nanga हो गया, और अपना लंड माँ की Chut पर ragadne लगा. माँ आह आह करती हुई बस एक बार बोली-


माँ : ये गलत है बेटा!


मुख्य: कोई बात नहीं माँ.


और मैं dhakka मार कर लंड Chut में ghusa दिया. “वाह रे मेरी माँ, क्या गरम छुट है तेरी,” ऐसा मेरे मन में आया. फिर मुख्य माँ के boobs chooste हुए unki chudai karne लगा. माँ मेरे बाल sehlane लागी, और मुख्य लंड unki chut में pelta राहा. वो आह आह कर राही थी, और मैं छोडता जा रहा था. साथ में होंत भी चूस रहा था.


कुछ देर बाद मुझे और जोश चढने लगा, तो मैं धक्को की गति और बड़ा दी. अब मैं माँ की जीभ से जीभ लाडा रहा था, और उनकी जीभ चूस रहा था. माँ भी गरीबे में थी. 15 मिनट हमारी मजेदार चुदाई हुई, और फिर मैं अपनी गरमी माँ की चुट में ही निकल दी. फिर हम वैसे हाय नांगे जाते रहे.


कुछ देर बाद बारिश बंद हुई, तो हम तयार हो कर वापास अपने सफर पर निकल गए. उस रात की बात दोबारा हमने कभी नहीं की.

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