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Tuesday, 15 April 2025

माँ की अलग ही रंग है

 मैं अपनी मां की चुदाई की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। इस कहानी में पढ़े कि कैसे मैंने अपनी संस्कारी और सभ्य मां को अपने मामा से देसी सेक्स करते हुए देखा।


मैं उस समय घर पर ही था, कि मुझे मालूम चला कि मामा के यहां एक शादी के लिए मुझे और मां को मामा के घर जाना था। इसके लिए कुछ दिन पहले ही निकलना‌ था। पहले तो मैं जाने को तैयार नहीं हुआ। क्यूंकि मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की एक बार फिर चूत मिलने वाली थी, तो मैं मामा के घर जाने को तैयार हुआ।


मेरे मामा बिजली विभाग में एक वरिष्ठ अभियंता जूनियर है। मैं अपनी मम्मी के बारे मे बता दूं। मेरी मम्मी का नाम रुचिका है। वह दिखने में गोरी है। वह 47 साल की होकर भी 32-34 साल की कामुक औरत ही लगती हैं। उनका फिगर साईज़ 36-30-38 है। मां की गांड मोटी होने से मां का गदराया हुआ शरीर और भी आकर्षक लगता है। मेरी मां एक धार्मिक, संस्कारी ,पतिव्रता किस्म की औरत है।


उस दिन मेरी मां ने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें उसके मोटे-मोटे बूब्स उनकी सुंदरता को मैच कर रहे थे। जिसे देख मामी के सामने ही मेरी मम्मी की तारीफ़ करते हुए मामा बोले-


मेरे मामा बिजली विभाग में एक वरिष्ठ अभियंता जूनियर है। मैं अपनी मम्मी के बारे मे बता दूं। मेरी मम्मी का नाम रुचिका है। वह दिखने में गोरी है। वह 47 साल की होकर भी 32-34 साल की कामुक औरत ही लगती हैं। उनका फिगर साईज़ 36-30-38 है। मां की गांड मोटी होने से मां का गदराया हुआ शरीर और भी आकर्षक लगता है। मेरी मां एक धार्मिक, संस्कारी ,पतिव्रता किस्म की औरत है।


उस दिन मेरी मां ने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें उसके मोटे-मोटे बूब्स उनकी सुंदरता को मैच कर रहे थे। जिसे देख मामी के सामने ही मेरी मम्मी की तारीफ़ करते हुए मामा बोले-


मामा: दीदी आप पहले से बहुत ज्यादा सुंदर दिख रही हो।


मामी मंदी-मंदी मुस्कुराई जैसे पता हो आगे क्या होने वाला था। उस दिन हम काफी ज्यादा थक चुके थे, कि मैं मामा के साथ सो गया था। मम्मी और मामी एक कमरे में सोई हुई थी। अगले दिन मैं अपने कुछ-कुछ दोस्तों से मिलने गया। मैं जल्दी ही उन सबसे मिल कर आ गया था।


उसी शाम को मैंने एक बंद कमरे में अपनी मां और मामा की आवाज सुनी। मम्मी की आह की धीमी आवाज आ रही थी। कमरे का दरवाजा तो बंद था, और खिड़की भी बंद थी। मुझे ध्यान आया कि इस रूम की ऊपर वाली खिड़की से तो सब कुछ दिख जाएगा।

सासू माँ की ...

फिर मैंने दबे पांव सीढ़ी के ऊपर जा कर देखा। मां की गोरी चिकनी जांघें दमक रही थी। मम्मी लेटी हुई थी, और मामा बिस्तर पर उल्टे लेट कर मां की चूत चाट रहे थे। मां की चूत मोटी और फूली हुई थी। मां जोर-जोर से कराह रही थी। मम्मी की बैंगनी रंग की फूल वाली पैंटी नीचे गिरी हुई थी। वह जोर से तड़प रही थी। तभी मां ने पानी निकाल दिया।


मामा अपना मुंह चूत पर लगाए हुए चूत के पानी को पी रहे थे। मामा जी ने उनकी चूत को चाट-चाट कर गीली कर दिया था। उन्हें शायद मां के चूत के पानी को पीने की लालसा रही होगी।


मम्मी पूरी तरह से नंगी थी। मम्मी ने अपने पैरों को फैला दिया। मामा उनके बड़े-बड़े चूचों को दबाने और होंठ चूसने लगे। मां फिर मामा के 6.3 इंची लंड को मुंह में लेकर जल्दी से चूसने लगी। इसी मोटे लंड से मामा मामी और मेरी मां की चूत मारते थे।


फिर मामा बोले: आहह, ऐसे ही चूसो दीदी, उफफ।


मां के उनके लंड को चूसते हुए, उनके मुंह से लार टपक कर चूचियों पर बह रही थी। फिर मां को घोड़ी बना कर मामा ने लंड को चूत पर रगड़ते हुए मां की चूत में घुसाया, और जोर-जोर से लंड के झटके से चोद रहे थे। मां आह आह आह आह कर रही थी। वो मेरी मां की टांगों को फैला कर धीरे-धीरे चोद रहे थे।


ऐसा लग रहा था जैसे वह चुदाई ना करके बुर की गहराई को नाप रहे थे, जिससे फच-फच-फच की आवाज आ रही थी। मैं सोच ही नहीं पा रहा था कि मेरी मां की चुदाई हो रही थी।


कुछ देर में मां मामा के लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गई। मामा नीचे से झटके दे रहे थे, और मेरी मां उपर से कूद रही थी।


मामा के झटके से उनके दोनों चूचे हवा में ऊपर-नीचे होते हुए उछल रहे थे। कुछ देर वह मामा के लंड को पीस रही थी। फिर मम्मी जल्दी-जल्दी मामा के लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी। मामा के लंड का हाल बुरा हो गया था। मेरी मां की बूर से सफ़ेद चिपचिपा पानी निकल रहा था, जो कि लंड से चिपक कर अंदर-बाहर हो रहा था। दोनों पसीने से लथ-पथ हो रहे थे। फिर मामा मम्मी को ज़ोर-ज़ोर से धक्कों के साथ चोदने लगे थे।


कुछ ही देर ऐसे चोदने के बाद मेरी मां को नीचे किया, और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। मामा पूरे ज़ोर से मेरी मां को चोद रहे थे, जिससे मां की बूर गीली और चिपचिपी होती जा रही थी। मामा के टट्टे मां की गांड से लग कर थप-थप की आवाज़ कर रहे थे।


फिर मामा मम्मी को उतार कर मां की गिली बूर को चाटने लगे। मम्मी अपनी आंखें बंद किए जोर से सिसकियां भरने लगी। मम्मी का 38″ का पिछवाड़ा फैला हुआ देखने में दमदार था। फिर मामा मेरी मां की गांड को जीभ लगा कर चाटने लगे।


मेरी मां मुस्कुराते हुए बोली: मेरा भाई आज मेरी गांड को चाट रहा हैं।


मेरे मामा किसी चुदक्कड़ की तरह गंदी तरीके से गांड को चाट रहे थे, और छेद को सहलाने लगे। मां तुरंत ऊं ऊं करके सिसकने लगी। उन्होंने अपनी गांड को उचकाना जारी रखा।


मम्मी अब उन्हें हटाने की कोशिश कर रही थी: ओह्ह्ह ऐसा मत करो।


मामा उनकी गांड के ऊपर से चढ़ कर मम्मी को चोद रहे थे। उनका पूरा लंड मां की चूत में था। उनके आंड झूलने लगे। फिर उनका लंड मेरी मां की गांड में घुस गया, और मेरी मां की गांड चोदने लगे, और साथ ही मेरी मां की चूचियों को दबाने लगे। मेरी मां पूरी मधमस्त होकर आआहहहह उफफ्फ फ्फ़ करके सिसक रही थी, और अपने चूतड़ उठा कर जवाब देने लगी। फिर मेरी मां मामा के लंड को हाथों से पकड़ कर लंड पर बैठ गयी।


मामा ज़ोर-ज़ोर का धक्का दे रहे थे। मम्मी भी उसका साथ दे रही थी। मम्मी चुद रही थी, और उनकी चूचियां हिल रही थी। मां की बूर से पानी सीधे उनकी गांड के छेद में जा रहा था। ये नज़ारा देख कर तो मेरा तो लंड एक दम लोहे जैसा हो गया। मैं आपने लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारना चालू कर दिया।


जितनी जोर-जोर से मामा मेरी मां को चोद रहा थे। इतनी जोर-जोर से मैं अपने लंड से मुट्ठ मार रहा था। वो बीच में उनके चूतड़ दबा देते। फिर मम्मी को घचा-घच खूब चोद रहे थे।


फिर मामा ने एक और ज़ोर का झटका मारा, तो अबकी बार मां का पेशाब ही बाहर निकल गया। उनका बेड चर्र-चर्र की आवाज करने लगा। मेरी मां को पकड़ के मामा अपना लंड बूर के अंदर-बाहर करने लगे थे। मम्मी ढीली पड़ गयी। शायद उनका पानी निकल गया था। मामा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी की गांड पकड़ ली, और उसे उठा-उठा कर चोद रहे थे।


वो मां की बूर से अपना मोटा लंड निकाल कर मां की टांगों को भी आपने कंधों से उतार दिए। फिर वो उछल-उछल कर चुदवाने लगी। नीचे से मामा धक्के देते और ऊपर से मम्मी बैठ रही थी। ओह्ह्ह, पूरे कमरे में फच फच फच की आवाज आ रही थी। मामा मेरी मां को गोद में उठा कर फुल स्पीड में चोदे रहे थे। मम्मी मस्त होकर अपनी गांड उठा-उठा कर लंड का मजा लेते हुए उनका साथ दे रही थी। दोनों ही पसीने से लथ-पथ थे।


मामा ने बीस मिनट तक मां की चूत को धक्के देकर चोदा।


फिर मामा ने बोला: दीदी मेरा अब निकलने वाला है।


तो मम्मी ने कहा: मेरे मुंह पर निकाल दो।


और फिर मामा ने बहुत सारा वीर्य मां के मुंह में भर दिया। मामा का वीर्य मम्मी के मुंह से टप-टप करता हुआ बिछावन पर गिरने लगा था। मेरी मां थकी हुई जोर-जोर से हांफ रही थी। वो मम्मी के बगल में ही लेट गए।


मामा: दीदी बहुत दिन हुए तेरी चूदाई किए। आज तो मजा आ गया।


मां का मुंह पूरा चिपचिपा हो गया था। कुछ देर बाद मामा कमरे से बाहर निकलने लगे। मम्मी कुछ देर ऐसे ही नंगी पड़ी रही। उनसे पहले मैं वहां से चला गया। वह ऊपर से नीचे आए तो वह काफी जोर-जोर से हांफ रहे थे। कुछ देर बाद मामा बाहर चले गए।


कुछ देर बाद जब देखा कि जब घर पर कोई नहीं था, तब मैं चुपके से रूम में गया। मैंने कमरे में जाकर देखा तो फर्श पर वीर्य और पेशाब से फर्श गिला था, जो कि मां की चूत से निकला हुआ था महक रहा था।


तो यह चुदाई मैंने अपनी आंखों से देखी थी। उम्मीद करता हूं कहानी अच्छी लगी होगी।

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