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Tuesday, 8 April 2025

खेलते खेलते भाई चड़गया

 नमस्कार दोस्तों, मैं प्रितंका गुप्ता अपनी अगली हिंदी सेक्स स्टोरी लेके हाजिर हूं। उम्मीद है मेरी पिछली सेक्स कहानियों की तरह ये भी आपको पसंद आएगी। सबसे पहले मैं आप सब को अपने बारे में बता देती हूं। नाम तो मैंने बता ही दिया है। मेरी उमर 23 साल है, और मैं पंजाब के लुधियाना में रहती हूं। फिगर मेरा 34-29-46 है।‌ रंग मेरा गोरा है, और मुझे देख कर लड़कों के दिलों की धड़कन तेज हो जाती है। चलिए अब अपनी कहानी पर आती हूं।


मैं काफी दिनों से देख रही थी, कि मेरा छोटा भाई मुझे घूर-घूर कर देखता था। मैं घर पर लेगिंग्स और टी-शर्ट पहनती हूं। जब कभी मैं झुकती, तो मेरा भाई मेरी गांड को घूर रहा होता था। अगर कभी मेरी क्लीवेज दिख रही होती, तो उस पर भी उसकी नज़र रहती थी। उसकी इन हरकतों को देख कर मैं समझ चुकी थी कि उसकी नीयत मेरी तरफ से साफ नहीं थी।


फिर एक दिन रात को 10 बजे मैं पानी पीने उठी। मेरा रूम भाई के रूम के साथ ही है। मैं अपने रूम से बाहर आई, और किचेन की तरफ पानी लेने चल पड़ी। रास्ते में भाई का रूम आता है। जब मैं उसके कमरे के सामने से गुजरी, तो दरवाजा थोड़ा खुला था। मुझे अंदर अचानक से रोशनी की झलक पड़ी। मेरा भाई अक्सर रात में अपने लैपटॉप पर गेम्स खेलता है। मैंने सोचा उसको सोने को बोलूं, तो मैं अंदर जाने लगी।


जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, तो अंदर का नज़ारा देख कर हैरान हो गई। मेरा भाई लैपटॉप पर मेरी फोटो लगा कर अपना लंड हाथ में लेके बैठा था। वो लंड को ऊपर-नीचे करके मुठ मार रहा था।‌ वो बोल रहा था-


फिर एक दिन रात को 10 बजे मैं पानी पीने उठी। मेरा रूम भाई के रूम के साथ ही है। मैं अपने रूम से बाहर आई, और किचेन की तरफ पानी लेने चल पड़ी। रास्ते में भाई का रूम आता है। जब मैं उसके कमरे के सामने से गुजरी, तो दरवाजा थोड़ा खुला था। मुझे अंदर अचानक से रोशनी की झलक पड़ी। मेरा भाई अक्सर रात में अपने लैपटॉप पर गेम्स खेलता है। मैंने सोचा उसको सोने को बोलूं, तो मैं अंदर जाने लगी।


जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, तो अंदर का नज़ारा देख कर हैरान हो गई। मेरा भाई लैपटॉप पर मेरी फोटो लगा कर अपना लंड हाथ में लेके बैठा था। वो लंड को ऊपर-नीचे करके मुठ मार रहा था।‌ वो बोल रहा था-


भाई: आह दीदी आह, कभी मेरे इस लंड को अपने मुंह में लेलो, और अपने होंठों का कमाल दिखाओ। आह दीदी तुम्हारी चूत पिंक है या ब्राऊन दिखा दो ना मुझे आह। भाई की रंडी बन जाओ ना दीदी आह। बस एक बार मुझे चोदने दो आह दीदी। एक बार मेरे लंड को चूत में लोगी, तो उसके बाद मेरी दीवानी कुतिया बन जाओगी। दबा कर अपनी बहन की चुदाई करना चाहता हूं मैं आह।


भाई का मुंह दूसरी तरफ था, और वो अपना लंड हिलने में व्यस्त था, इसलिए उसको पता नहीं था कि मैं पीछे ही खड़ी थी उसके। फिर मैं धीरे से कमरे के बाहर आ गई, और वो इस बात से अंजान था कि मैंने उसको देख लिया था।


फिर मैं किचेन में गई, और पानी पिया। उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गई। मैं सोने के लिए लेट तो गई, लेकिन मेरी आंखों के सामने से अपने भाई का वो सीन नहीं जा रहा था। भाई का लंड काफी अच्छा लगा मुझे, जो मेरी आंखों के सामने से घूमे जा रहा था। फिर मैंने सोचा कि भाई तो मुझे चोदना चाहता ही था, तो क्यों ना उसके लंड का स्वाद ले लिया जाए। लेकिन ये सब मुझे इस तरह से करना था, ताकि उसको लगे कि उसने मुझे सिड्यूस करके चोदा है, ना कि मैं उससे चुदना चाहती थी। फिर मैंने फिंगरिंग करके अपनी चूत की गर्मी निकाली, और फिर सो गई।


सुबह जब मैं उठी, तो सबसे पहले भाई के लंड की झलक मेरी आंखों के सामने आ गई। उसके लंड के बारे में सोचते ही मैं उत्तेजित होने लगी। फिर मैं फ्रेश हुई, और नहाई। नहाने के दौरान मैंने अपनी चूत को थोड़ा सहला कर मजा लिया। फिर मैं बाहर चली गई। भाई नाश्ते की टेबल पर बैठा था। उसने मुझे गुड मॉर्निंग कहा, और मैंने भी उसको गुड मॉर्निंग का रिप्लाई दिया। तभी मैं जान-बूझ कर पैर में खुजली करने के बहाने से नीचे झुकी। इससे मेरी क्लीवेज भाई को दिखने लगी। वो भी क्लीवेज देख कर मजे लेने लगा।


फिर मैं टेबल पर बैठ गई, और भाई नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गया। मेरे ऑफिस जाने में अभी टाइम था, तो मैं जल्दी से भाई के कमरे में गई। वहां जाके मैंने उसका लैपटॉप खोला, और चेक करने लगी। उसने मेरी बहुत सारी तस्वीरें लैपटॉप में रखी हुई थी। कुछ तस्वीरों को तो एडिट करके उसने मुझे नंगी कर रखा था, और कुछ में मुझे बिकिनी पहना रखी थी। ऐसा लग रहा था मैं कोई हीरोइन हूं, और मेरे किसी कदरदान ने मेरी तस्वीरों का कलेक्शन सम्भाल रखा था।


फिर मैंने उसकी उसके दोस्तों से चैट पढ़ी। उसका एक दोस्त था रहमान करके, रात को उसने उसके साथ काफी चैट कर रखी थी। जब मैंने उसको चैट पढ़ी, तो पता चला कि उसने मुझे नींद की गोलियां खिला कर मेरी चुदाई करने का प्लान बना रखा था।


बस यहीं वो मौका था, जो मुझे मिल चुका था अपने भाई से चुदने का। अब उसको नहीं पता था कि मुझे पता था उसके प्लान के बारे में। 2 दिन बाद ही वो मुझे चोदने वाला था, और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार थी। उसके इस प्लान का फायदा लेके मैं उसको हमेशा के लिए अपना गुलाम बनाने वाली थी, और जब जी चाहे उसके लंड से अपनी चूत ठंडी करवाने वाली थी।


फिर मैंने उसका लैपटॉप बंद किया, और ऑफिस के लिए तैयार होने लगी। उसके बाद मैं ऑफिस चली गई। शाम को जब मैं घर आई, तो भाई पहले से घर पर ही था। ऐसे ही रात हो गई, और मैं फिंगरिंग करके सो गई। अगला दिन भी रोज की तरह ऐसे ही बीत गया, और मैं रात को फिंगरिंग करके सो गई।


अब आया उससे अगला दिन। वो दिन जब भाई मेरी चुदाई करने वाला था मुझे नींद की गोलियां खिला कर। लेकिन मुझे उसे रंगे हाथ पकड़ना था मेरी चुदाई करते हुए, ताकि उससे मैं अपनी हर बात मनवा सकूं। सुबह सब वैसे ही नॉर्मल गया। वो कॉलेज गया, और मैं ऑफिस चली गई। शाम को घर आने के बाद मुझे ध्यान रखना था कि अगर भाई मुझे कुछ खाने या पीने को दे, तो मैं उसको ना खाऊं-पियूं। लेकिन उसके सामने ऐसे ही दिखाऊं, कि मैंने वो चीज खा या पी ली।


सब कुछ रोज की तरह ही नॉर्मल चल रहा था। फिर अचानक डिनर के बाद भाई बोला-


भाई: दीदी आज कोल्ड कॉफी पिएं?


मैं और मेरा भाई अक्सर डिनर के बाद कोल्ड कॉफी पीते है, और क्योंकि वो कॉफी बड़ी अच्छी बनाता है, तो वहीं कॉफी बनाने वाला था। मैं समझ गई थी कि वो नींद की दवाई मुझे कैसे पिलाएगा। फिर वो कॉफी बनाने चला गया।


इसके आगे क्या हुआ, वो मैं आपको अगले पार्ट में बताऊंगी। यहां तक कि कहानी ने अगर आपको मजा दिया हो,

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