सुभा जब में उठा, और अपने कमरे से बहर आया, तो देखा रशीद काका आए थे. मम्मी काम कर राही. रशीद काका अपने बेट परवेज के साथ आए थे. अनहोन व्हाइट कलर का कुर्ता-पायजमा पेहना हुआ था. सर पर तोपी पहली हुई थी, और उनके बेटे ने भी वही पाहना हुआ था.
वो दोनो सोफे पर बैठे हुए द. टॅब मम्मी किचन में थी, और सुभा का नश्ता तयार कर राही थी. टॅब मम्मी ने गुलाबी नाईटी गाऊन डाळ राखा था, और नाईटी को कमर पर बांध रखा था. फिर मम्मी नश्ता लेकर हॉल में आयी, और डायनिंग टेबल पर राखा.
मम्मी के बाल खुले हुए थे, और थोड़े गिले भी द. देख कर लग रहा था की मम्मी अभी अभी नहीं कर आयी थी. फिर मम्मी ने रशीद अंकल और परवेज को नश्ता दिया, और दोनो नश्ता खाने लगे.
नश्ता करते वक्त अंकल मम्मी को ही देख रहे द. फिर मैने देखा चाचा नश्ते की और मम्मी की बहुत तारीफ कर रहे द. ये देख कर मम्मी शरमाने लागी. काका बोल रहे थे-
काका: वाह भाभी जी, क्या नश्ता है! आपके हाथो में तो जादू है.
मम्मी: धन्यवाद रशीद जी.
फिर हमने नश्ता खतम किया, और मैं मम्मी से बोला: मैं आज मेरे एक दोस्त के घर जा रहा हु. मुझे आने में 3 घंटे लागेंगे.
ये सुन कर काका बहुत खुश हुए. मैं जानता था चाचा क्यूं खुश हुए द. लेकीन मैं ये पता नहीं चल दिया. फिर मैं घर से चला गया, और बहार जा कर खिडकी से देखने लगा की अंदर क्या हो रहा था.
मैने देखा परवेज जो की अंकल का बेटा था, वो खेल रहा था और अंकल और मम्मी बातें कर रहे थे. फिर दोनो उठ कर मम्मी के बेडरूम में चले गए. फिर मुख्य मम्मी के बेडरूम की खिडकी के पास गया, और देखा अंकल मम्मी को किस कर रहे थे और मम्मी भी अनका साथ दे राही थी. पण मम्मी डर भी राही थी. फिर काका ने कहा-
रशीद काका : रेणुका मेरी जान, आज मैं तुम्हे ३ घंटे तक जम कर पेलुंगा.
मम्मी: रशीद जी, लेकीन परवेज तो बहार है. वो क्या सोचेगा?
रशीद काका: तुम उसकी चिंता मत करो, बस आनंद लो है चुदाई का.
फिर चाचा रूम से बहार आये, और परवेज को अपने मोबाइल पर गेम लगा दी और कहा-
रशीद काका: बेटा तुम गेम खेलो, मैं और तुम्हारी आंटी अंदर है.
परवेझ: थेक है अब्बू.
रशीद काका: ठीक आहे, कोई पूछे तो बोल देना की सब बहार गये है.
परवेझ मासूम था. कुछ पता नहीं था तो उसने हा में सर हिलाया वापरा. फिर अंकल बेडरूम में चले गए जहाँ पर मम्मी थी, और दरवाजा बंद कर दिया. लेकीन गरीबा बँड नाही किया. फिर अंकल मम्मी के पास गये, और मम्मी को किस करना लागे और बोले की-
रशीद काका : अब हमे कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा.
फिर मम्मी बोली: किसी को पता चला तो?
रशीद काका : किसी को नहीं पता चलेगा मेरी जान.
फिर दोनो एक-दूसरे को किस करना लागे. उसके बाद मम्मी खादी हो गई, और मम्मी ने अपना गाउन उठा कर अपनी कमर पर बांध लिया, और नीचे बैठ कर चाचा का पायजामा निकल दिया और अंडरवियर भी निकल दी. फिर चाचा का 10 इंच लांबा आणि 3 इंच मोटा लंड हाथ में लेके hilane लागी. अंकल के लंड की upar की त्वचा नाही थी. फिर काका बोले-
रशीद काका: रेणुका इसे अपने मुह में लेके चूसो.
मम्मी : मैने कभी ऐसा नहीं किया.
रशीद काका: एक बार करके देखो, तुमको बहुत मेरा आएगा.
मम्मी लंड हिला राही थी, और फिर चाचा के बोलने पर लंड के टोपे को apni jeebh से chaatne lagi.
रशीद काका: आह आह आह रेणुका ओह रेणू मेरी जान आह.
फिर मम्मी ने लंड को muh में leke blowjob dene lagi. आणि उधर काका-
रशीद काका: हा आहहsss आहाहा आह रेणू मेरी जान.
और मेरी मम्मी का सर पकड के वर-नीचे करना लागे. मम्मी के मुह से गॅप-गॅप-गॅप की आवाजे आने लागी. फिर kareeb 5 मिनिट बाद मम्मी ने लंड को muh से baahar nikala. लंड मम्मी की thook की wajah से geela हो गया था. अंकल का जैसा शेयरर था, लंड भी वैसा था बिलकुल काला.
फिर अंकल ने मम्मी को खडा किया, और मम्मी का गाउन उतरा. मम्मी sirf ब्रा panty में थी. फिर काका ने भी अपने कापडे उतार दिए, और दोनो नांगे हो गये. उसके बाद काका बोले-
रशीद काका: रेणू, जान आज मैं तुम्हे ऐसा माझा दूंगा, की तुम याद रखोगी.
मम्मी : तो फिर डर किस बात की? आईये और करिये जो करना है.
फिर चाचा ने मम्मी को बेड पर लिता दिया, और मम्मी को किस करना लागे. अंकल का पेट बडा था, और चाचा की फिजिक भी अच्छी थी. पण बहुत कळे द चाचा जैसे कोई आफ्रिकन हो. फिर काका ने अपने कुर्ते की जेब में से चॉकलेट सिरप निकला, और उसको मम्मी के जिस्म पर डालने लगे.
मम्मी को चुभ राही थी, और मम्मी के मुह से सिसकीया निकल रही थी.
मम्मी : आह्ह्ह्ह्ह्ह्स्स्स्स् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् राशिद जी चूसो इनहे, और चूसो, बहुत माझा आ रहा है, करो और करो.
रशीद काका: अहाह अहाह रेणू क्या मम्मे है तुम्हारा. जी करता है बस दिन-रात पीता राहू, चूस्ता राहू.
मम्मी: पियो, ये आपके है, जितना पीना है पियो.
फिर काका नीचे आने लागे, और मम्मी के पेट को चूमने लागे. जैसे ही काका ने मम्मी के पेट पर होंठ लगाये, वैसे ही मम्मी कसमसाने लगी और बोली-
मम्मी : आआ आह आह आह हा ऐसे ही करो रशीद जी आह्ह आह्हह हाssss बहुत मजा आ रहा है.
फिर अंकल मम्मी की नभी (नाभी) में चॉकलेट लिक्विड डालने लगे, और नभी (नाभी) को चटने लागे. जैसे ही काका नभी में अपनी जुबान डालते, वैसे ही मम्मी सिसकी निकलती.
मम्मी : आआ आह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
रशीद काका ने नभी में डाला चॉकलेट लिक्विड पूरा चाट कर साफ कर दिया. फिर अंकल मम्मी की गोरी गुलाबी आकार चुट की तरफ आ गये, और मम्मी के दोनो जोडी को फैला दिया. काका ने चुट की फांको को खोल, और उसमे अपनी जुबान घुमाने लागे. मम्मी की गुलाबी क्लीन मुंडा चुट एक काला सा आदमी बात रहा था. फिर काका ने अपनी जुबान को चुट के अंदर डाल दिया, जिसे मम्मी पागल हो गई.
मम्मी : आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्. ऐसा मात किजिये !
मम्मी गरम हो गई थी, और अपने दोनो हाथो से अंकल का सर पकड लिया. लेकीन काका रुके नहीं, और बात-ते गये. फिर करीब 10 मिनिट बाद मम्मी झाडने वाली थी. मम्मी काका का सर apne hatho से pakad कर Chut pe dabane lagi. अंकल मस्त चुट चर्चा में लगे हुए थे. फिर कुछ मिनट बाद मम्मी झाडने लगी और बोली-
मम्मी : आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह. रशीद जी मुख्य गई. बस किजिये.
फिर मम्मी झाड गई, और रशीद अंकल ने सारा पानी पी लिया. जब काका ने सर उठा कर मम्मी को देखा, तो मम्मी भी अनकी और देखने लगी. ऐसा लगा रहा था जैसे मम्मी को असीम आनंद की प्राप्ती हुई. मम्मी की चुट का पानी अंकल के दादी पर लगा हुआ था अंकल मम्मी से बोले.
रशीद काका: रेणू डार्लिंग बहुत मीठा है तेरी छुट का पानी. तुम्हे माझा आला?
मम्मी : हा मुझे बहुत माझा आया. आज पहली बार मेरी छुट किसी ने चाटी है. आकाश के पापा तो छुट को बात-ते ही नाही.
मेरे पापा ने आज तक मम्मी की चुट नहीं चाटी, सीधा सोडते द. मम्मी के लिए ये पहला अनुभव था. राशिद अंकल के फोरप्ले से मम्मी अब बहुत गरम हो गई थी. अब मम्मी से रहा नहीं जा रहा था. मम्मी रशीद काका से बोलने लागी-
मम्मी : अब जल्दी से छोडिये मुझे रशीद जी. अब नाही राहा जता. डाल दीजिये अपने साम को मेरे बिल में.
रशीद काका: हा मेरी जान मेरा ये सांप तुम्हारे बिल में जाने के लिए तडप रहा है.
आणि चाचा ने अपना लंड को हिला कर तंग कर दिया. अंकल का 10 इंच लंबा आणि 3 इंच मोटा लंड टाईट हो गया. फिर चाचा ने लंड को मम्मी की chut पर राखा, आणि dhakka मारा. मम्मी के मुह से गाल निकल गई.
मम्मी : आहाह आह रशीद जी आराम से.
वो इतनी जोर से चिकी, की आवाज पूरे कामरे में गुंज उठी. बहार परवेझ खेळ खेल रहा था. मुझे लगा की अब वो अंदर आ जायेगा. मैं जल्दी से दूसरा और परवेज को देखा. लेकीन वो गेम खेल रहा था. वो गेम में इतना व्यस्त था की उपयोग कुछ ध्यान नहीं दिया.
यहाँ मैं खुद से कहा: यहाँ ये गेम खेल रहा है, और वहन इसका अब्बू मेरी मम्मी को छोड़ रहा है.
मैं फिर बेडरूम में देखने चला गया, और जो मैं देखा, वो देख कर मेरा लंड भी खडा हो गया. मैं देखा रशीद काका मम्मी को chod रहे थे.
मम्मी : आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
मैं भी अपना लंड hilane लगा, और
और मुठ मारने लगा. मुझे बुरा भी लगा रहा था, और मम्मी की चुदाई देख कर मजा भी आ रहा था. मैने देखा अंकल जब मम्मी को छोड़ रहे थे, तब उके सर पर टॉपी थी, जिसे देख कर लग रहा था की एक पहलवान एक कमसीन औरत को छोड़ रहा था. काका भी आवाज कर रहे द.
रशीद काका: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रेणू क्या चूत है तेरी. Kitni घट्ट chut है. Chodne में बहुत Maza आ रहा है. आह रेणू मेरी जान, मैं तुझे आज इतना पेलुंगा, इतना पेलुंगा, की तू इस लंड को याद रखेगा.
फिर मम्मी बोली: आह रशीद जी आह, आकाश के पापा का तो अब तक हो जाता है.
रशीद काका: लगता है तेरा पति नमर्द है, इसिलिए तेरी छुट इतनी कसली है. पर तुम फिकर मत करो, मैं इसका ध्यान रखुंगा (और फिर से चाचा छोड़ने लागे).
अब मम्मी झाडने वाली थी, और करिब ५-१० बाद मम्मी झाड गई. मेरा भी होना वाला था, और 5 मिनट बाद मेरे लंड ने एक तेज पिचकारी मारी. Lekin चाचा का नाही हुआ था. वो लगातार मम्मी को ठोक रहे, और करिब ३० मिनिट हो चुके द. अब मम्मी फिर से गरम हो गई थी, और फिर से सिसकीयां लीने लागी.
मम्मी : चोडिये रशीद जी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
रशीद काका : हा मेरी जान, तुझे मैं ही सोडुंगा. आज से तू सरफ मेरी है. चोद-छोड के तुझे मेरे बचे की माँ बनाऊंगा.
मम्मी: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्, Aapka लंड मेरी bachhe-dani तक जा रहा है. कर दीजिये मुझे गरोदर, और डाल दीजिये अपना बच्चा मेरी कोख में.
ये सुन कर रशीद अंकल पूर्ण जोश में आ गये, और मम्मी को जोर-जोर से पेलने लागे. और ये देख कर मेरा लंड फिरसे खडा हो गया, और मुख्य फिरसे हिलाने लगा.
मैं (आकाश): इसका बेटा हॉल में फोन पर गेम खेल रहा है, और काला सांड मेरी मम्मी अंदर छोड़ रहा है.
तबी फिर से मम्मी के कमरे से चीखने की आवाजे आने लगी.
मम्मी : आह्ह्ह्ह्ह्
मेरा भी होना वाला था, और फिर कुछ डर में मैं झड गया और अंदर मम्मी-
मम्मी : आह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
रशीद काका: अहाह रेणू, मेरी जान. मेरा भी निकलने वाला है.
फिर 10 मिनट बाद अंकल मम्मी की चुट में झड गए, और अंकल ने सारा विर्या मम्मी की चुट में छोड दिया. जब तक काका के विर्या की एक-एक बूंद मम्मी के अंदर नहीं गई, तब तक काका ने लंड अंदर ही राखा. अंकल के विर्या की पिचकारी मम्मी की बचेदानी तक गई. फिर uske बाद काका nidhaal हो कर मम्मी पर गिर पडे. वो बोले-
रशीद काका : बहुत माझा आला रेणू प्रिय तुझे सोड में. और तुम्हे? (मम्मी से पूछे काका).
मम्मी: मुझे भी बहुत मजा आया रशीद जी आपसे सेक्स करके.
और मम्मी अंकल के सर के बाल सेहला राही थी. टॅब मैं देखा चाचा का बेटा बेडरूम में आया, और दरवाजा पर खडा था, और मम्मी उपयोग देख कर डर गई. मम्मी ने फौरन अपने और अंकल के वर चादर ओढ़ ली, और परवेज दोनो को देख रहा था और परवेज ने पूचा की-
परवेझ: अब्बू आप रेणू आंटी के साथ ऐसे क्यूँ हो?
रशीद काका: बेटा मैं और तुम्हारी रेणू आंटी घोडा-घोडा खेल रहे द. लेकीन तुम कब आये?
परवेझ: जब आप और आंटी घोडा-घोडा खेल रहे थे, तब आंटी बहुत चिल्ला राही थी, तब अब्बू.
Uske बाद काका आणि मम्मी ने अपने kapde pehne, और teeno baahar आ गये. फिर चाचा और परवेज अपने घर चले गए, और मैं भी अब तक घर आ गया.
तो दोस्तो ये थी आज की चुदाई कहानी. कहाणी कैसी लागी जरूर बताना.