Sunday, 23 March 2025

TMKOC: अंजलि और बबीता की ठरक भाग 1

 गोकुलधाम सोसाइटी काफ़ी दिनों से शांत थी। तपु सेना छुटिया माने महाबलेश्वर गई थी। टप्पू, अपनी एमबीए की पढ़ाई करने हैदराबाद गया था। चंपक चाचा अपने गांव बचाऊ चले गए थे और जेठालाल भी टोनी टीवी पर थे और विदेश यात्रा में अमेरिका गए थे दो हफ्ते के लिए। मेहता साहब पिछले एक महीने से दिल्ली गए थे, अपनी कंपनी के नए ऑफिस दिल्ली में सेटअप करने के लिए और उन्हें दो महीने में दिल्ली ही रहना था।


इसी बीच अंजलि अपने आप को काफी अकेली पाती है। वो एक आदमी का शरीर और प्यार चाहता है। तारक को गया एक महीना हो गया था और अंजलि के अंदर की आग बढ़ ही रही थी। तभी अंजलि अपने घर के बाहर आ कर देखती है कि कहीं उसे अपनी आग बुझाने वाला कोई मिल जाए। तभी पोपटभाई प्रेस से अपने घर वापस लौट रहा है। अजलि सोचती है, "पोपटलाल मेरी आग तो बुझा देंगे लेकिन पूरे गांव में ढिंढोरा पीट देंगे। नहीं कैंसिल!"


अंजलि मयूस हो कर अंदर जाने ही वाली होती है तभी गोकुलधाम सोसाइटी में एक रिक्शा आती है और उसमें से टपू बाहर आता है। टप्पू को देख कर अंजलि के चेहरे पर रौनक आ जाती है। अंजलि मन ही मन सोचती है, "धन्यवाद भगवान जी, टप्पू को भेजने के लिए। आज तो कैसे भी कर के टप्पू को फंसा देती हूं और पूरी रात उसके साथ प्यार, मोहब्बत और रोमांस करती हूं।" अंजलि टुरेंट टप्पू के पास जाती है और टप्पू की एक बैग और टप्पू को खींचकर अपने घर की तरफ ले आती है और कहती है, "टपू, आज तो तुझे मेरे साथ सोना होगा!"


टप्पू चौक जाता है और कहता है, "ये आप क्या कह रहे हैं अंजलि आंटी? मैं आपके साथ क्यों सुनूंगा?" अंजलि को अपनी गलती का एहसास होता है और कहती है, "तपू, मेरा वो मतलब नहीं था। वो तुम्हारे पापा अमेरिका गए हैं और दादाजी भी बचाए गए हैं ना..., तो तुम्हारे घर पर कोई नहीं है। मैं भी अकेली हूं, तारक भी दिल्ली गए हैं। तू आ जा, (मेरे) अंदर आ जा। मैं और तुम बढ़िया सा खाना खाते हो.. अरे तू चिंता मत कर, डाइट फूड नहीं खिलाउंगी!”


अंजलि टप्पू तो खींच कर अंदर ले ही जाने वाली थी, तभी भिड़े परिवार स्कूटर उर्फ ​​सखाराम पर बैठ कर वापस आते हैं। टप्पू और अंजलि को देख कर भिड़े वही अपना स्कूटर खड़ा कर देता है। माधवी भाभी कहती हैं, "तुम लौट आये टप्पू बाला। चल तू आज रात सोनू के कमरे में सो जाना..." भिड़े को गुस्सा आता है और कहता है, "अरे, ऐसे कैसे टप्पू एक जवान लड़की के कमरे में इतना जा सकता है?"


अंजलि दोनो को शांत कर के कहती है, "आप टेंशन मत लीजिए। टापू आज मेरे साथ सोएगा। हम बस अंदर जा ही रहे थे कि आप आ गए।" माधवई समाज जाति है और कहती है, "ठीक है, हम भी चलते हैं। अंजलि भाभी का आनंद लें!" माधवी और भिड़े अपने घर चले जाते हैं। अंजलि टप्पू को अपने घर ले आती है।


अंजलि टप्पू को बढ़िया खाना खिलाती है. टप्पू कहता है, "वाह अंजलि आंटी, आज तो खाना खा के मजा आ गया। बहुत दिनों बाद घर का खाना खाने मिला है।" “अच्छा टप्पू, अब मैं तुमसे मेरे दिल की बात कहना चाहती हूँ, कविता सुना कर!” “सुनिये अंजलि आंटी!”


“टप्पू, मैं हूं तेरी अंजलि आंटी

बजा दे तू मेरी घंटी..

मिलेगी मुझे तभी शांति..


टप्पू, आ करते हैं हम रिलैक्स..

एक दूसरे के साथ कर के सेक्स!


टप्पू, नहीं जाने दूंगी मैं यहां से..

बिना मेरी प्यास बुझाये!”


टप्पू ये सुन कर हेयरां हो जाता है। “ये आप क्या कह रही हो अंजलि आंटी?” "हा टप्पू, मैं तेरी दीवानी हो चुकी हूं। चल बेडरूम में आजा, सेक्स करते हैं।" "नहीं अंजलि आंटी। हम ऐसा नहीं कर सकते...।" "अरे चल ना टप्पू, तारक भी नहीं है। एक महीने से सेक्स नहीं किया है। आज तू आ गया है, मौका भी अच्छा है।" "नहीं अंजलि आंटी। आप मुझसे काफ़ी बड़े हो।" "टप्पू अब तू बच्चा नहीं रह रहा है। बड़ा हो गया है, तो बड़ो जैसा काम भी कर।"

टप्पू और अंजलि के बीच काफी बहस हुई और आखिरकार टप्पू अंजलि आंटी के साथ सेक्स करने के लिए मन गया। "अंजलि आंटी, मैं सिर्फ एक शर्त पर आप के साथ सुनूंगी। आप हमारी बात किसी को मत बताना।" "थैंक यू टप्पू डार्लिंग। मैं किसी को नहीं बताऊंगी। चल अब तू बेडरूम में जा और फ्रेश हो जा, मैं अब्दुल से कंडोम मंगा देती हूं।" “अरे नहीं, अब्दुल अपनी दुकान जल्दी बंद करके चला गया है।” "कोई बात नहीं, मैं कहीं और से मंगा देती हूं। तू अंदर जा कर फ्रेश हो जा।"


टप्पू बेडरूम में जाता है और अंजलि के बाथरूम में जा कर नहाने लगता है। तभी बबीता आती है, अंजलि के कंडोम ले कर। “अंजलि भाभी, मेहता साहब तो नहीं हैं, फिर आपने ये कंडोम क्यों मंगवाये?” "अरे क्या बताऊ बबीता। एक महीने से सेक्स नहीं कर के मैं प्यासी हो गई हूँ। अभी टप्पू आया है तो उसे फंसाया है।" “तू टप्पू के साथ सेक्स करेगी?” “हा, वो अभी अन्दर नहा रहा है।” "वाह अंजलि, क्या फंसाया है टप्पू को! अय्यर भी कल सुबह बाहर जा रहा है, तो कल मैं ले जाती हूं टप्पू को। अभी मैं चलती हूं, अय्यर के साथ एक लास्ट टाइम सेक्स कर लेती हूं।"


बबीता अपने घर चली जाती है अय्यर को एक बार चोदने। अंजलि कंडोम ले कर अपने बेडरूम में चली आती है जहां टप्पू उसका इंतजार कर रहा है। “अंजलि आंटी, आपने ये कंडोम कहां से मंगाये?” "बबीता जी दे गई। अरे उन्हें तेरे बारे में पता चला, सॉरी। अब वो कल तुझे ले जाएगी।" “मुझे क्यों ले जायेंगे बबीता आंटी?” "डफ़र, सेक्स करने के लिए! चल, अब हम दोनों तो कुछ करेंगे? मैं कब से तड़प रही हूँ!"


अंजलि टप्पू के पास जाती है और उसे किस करने लगती है। अंजलि की पहली किस में ही टपू का मूड बन जाता है। फ़िर अंजलि टूरंट टप्पू को नंगा कर देती है और टप्पू भी अंजलि आंटी को नंगा कर देती है। “कुत्ता या मिशनरी?” "मिशनरी!" अंजलि बिस्तर पर लेट जाती है और तपु उसके अंदर अपना लंबा लंड डाल कर उसकी प्यास बुझा देता है।


“आह…आह… टप्पू.. टप्पू.. आआह…” आधे घंटे तक मिशनरी सेक्स करने के बाद भी अंजलि को और चाहिए था। वो तारक के स्टडी टेबल पर झुक जाती है और टप्पू अंजलि को पीछे से चोदने लगता है। अंजलि चीकने चिल्लाने लगती है, “टप्पू चुटिये, गलत छेद में डाल दिया तूने!” “अंजलि आंटी आप भी मजा लीजिए!”


फिर अंजलि टप्पू को बिस्तर पर पटक देती है और उसके लंड पर काउगर्ल स्टाइल में कुदने लगती है। डोनो ने रात भर एक दूसरे के साथ सेक्स किया। कुछ घंटो की नींद मिली, लेकिन जैसे ही सुबह उनकी आंख खुली, दोनो ने फिर से सेक्स करना चालू कर दिया।


दोनों एक दूसरे के प्यार में उलझ गए थे और तभी डोरबेल बजती है। “अभी कौन होगा अंजलि आंटी?” "टप्पू, तू कब बड़ा होगा? हम सेक्स कर रहे हैं और तू मुझे आंटी बोल रहा है! जा देख कौन है दरवाजे पर" "सॉरी डार्लिंग। मैं देख कर आता हूं कौन है दरवाजे पर" टप्पू जल्दीबाजी में अंजलि की टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनता है और दरवाजा खोलने जाता है।


आगे की कहानी जानने के लिए कहानी का अगला भाग पढ़ें।