ये मौसी भी प्यासी थी। कहानी कानपुर के रहने वाले आयुष नाम के एक लड़के की है। आयुष को सेक्सी वीडियो देखना और सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद था। उसने अपनी ज़िंदगी की एक सच्ची घटना सुनाई, जिसमें उसके और उसकी मौसी के बीच के कुछ ख़ास पल शामिल थे।
दसवीं के बाद आयुष ने दूसरे स्कूल में दाखिला ले लिया क्योंकि उसका पुराना स्कूल सिर्फ़ दसवीं तक ही था। परीक्षाएँ खत्म होने के बाद, छुट्टियों में वह अपनी नानी के घर गया। वहाँ उसकी मौसी रहती थी। उसका फिगर 36-28-38 था और चेहरा स्मृति मंधाना जैसा था, जो बेहद आकर्षक लगता था।
आयुष अक्सर अपनी मौसी की खूबसूरती और जवानी को निहारता रहता था, लेकिन कुछ कहने या करने की उसकी हिम्मत नहीं होती थी। धीरे-धीरे उसके और मौसी के बीच हल्की-फुल्की बातें होने लगीं, जिससे दोनों एक-दूसरे के साथ सहज महसूस करने लगे। जब मौसी घर में काम करतीं, तो अपना घूँघट निकाल लेतीं। ऐसे में जब वह झुकतीं, तो उनके उभरे हुए स्तन साफ़ दिखाई देते, और आयुष की नज़रें वहीं टिक जातीं।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। फिर एक दिन घर के सभी लोग किसी रिश्तेदार की शादी में एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहे थे। आंटी की तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए उन्होंने जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वो यहीं रहेंगी और आयुष भी यहीं है, इसलिए कोई दिक्कत नहीं होगी। घरवालों ने आयुष और आंटी को एक-दूसरे का ख्याल रखने को कहा और चले गए।
शाम को आंटी ने खाना बनाया और फिर नहाने चली गईं। आंटी को रोज़ शाम को नहाने की आदत थी। जब वो बाथरूम में थीं, तो उन्होंने बाहर से आवाज़ लगाई, "आयुष, मेरे कपड़े दे दो। मैं शायद उन्हें बाहर भूल गई हूँ।" आयुष उनके कपड़े लेकर बाथरूम में गया और दरवाज़े के बाहर से आवाज़ लगाई। आंटी ने दरवाज़ा थोड़ा सा खोला, और आयुष ने जो देखा, उससे उसकी आँखों में आँसू आ गए। आंटी सिर्फ़ काली ब्रा और लाल पैंटी में खड़ी थीं। आयुष उनके खूबसूरत और रसीले बदन पर मंत्रमुग्ध हो गया। उसके हाथों में कपड़े थे, लेकिन उन्हें मौसी को देने की बजाय, वो बस उन्हें देखता रहा। मौसी हल्की सी मुस्कुराईं और बोलीं, "क्या देख रहे हो?"
आयुष ने डरते हुए कहा, "कुछ नहीं," और वहाँ से चला गया। लेकिन मौसी की छवि उसकी आँखों के सामने बसी हुई थी। वह फिर से टीवी देखने बैठ गया, लेकिन उसका ध्यान पूरी तरह से भटक गया था।
थोड़ी देर बाद, मौसी बाथरूम से बाहर आईं। उन्होंने अपने गीले बालों को झटकते हुए कहा, "आयुष, मुझे पता है कि तुम मुझसे क्या चाहते हो। और सच कहूँ तो, अब और बर्दाश्त नहीं होता। अगर मैंने कुछ नहीं किया, तो मैं फूट-फूट कर रोऊँगी और मर जाऊँगी।" मौसी की बातें सुनकर आयुष का चेहरा लाल हो गया। वह कुछ बोल नहीं सका। मौसी उसके पास आईं और उसके होंठों पर गहरा चुंबन लिया। फिर बोलीं, "अब और इंतज़ार मत करो। आओ, मुझे शांत करो।"
आयुष धीरे से अपना लिंग उनकी योनि के पास लाया और उनकी दोनों टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। उसने अपना लाल लण्ड उनकी योनि की रेखा पर रगड़ा और अंदर धकेल दिया। इससे मौसी ज़ोर से चीखीं, "आह... आउच माँ...!"
आयुष ने आंटी को शांत करने के लिए उनके होंठों को चूमा। जब आंटी थोड़ी शांत हुईं, तो आयुष ने एक ही बार में अपना पूरा लिंग उनकी चूत में डाल दिया। आंटी को उस पर तरस आया, पर उन्होंने अपनी चीख दबा ली। अब कमरे में सिर्फ़ उनकी सिसकियाँ गूंज रही थीं, "आह... ओह... हाँ... और ज़ोर से!"
आंटी खुशी से कह रही थीं, "चोद ले आयुष बाबू! जी भर के चोद ले! आज मेरी गरम चूत फाड़ दे।"अब आयुष ने अपनी गति और बढ़ा दी। मौसी के मुँह से लगातार आवाज़ आ रही थी, "आह... आउच माँ... मार रे... पूरा डाल दे... फाड़ दे मेरी चूत!"
आयुष ने मौसी के होंठों को मुँह में लिया और उन्हें चूमते हुए चोदता रहा। साथ ही, उसके हाथ मौसी के बड़े, रसीले स्तनों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे। चुदाई की आवाज़, "पच-पच, थप-थप," पूरे कमरे में गूँज रही थी।
मौसी भी बार-बार अपनी गांड ऊपर उठाकर चुदाई का मज़ा ले रही थीं। कभी वो आयुष को रोककर अपनी चूत घुमातीं, तो कभी उसके होंठों को ज़ोर से चूसतीं। उनकी चूत लंड को जड़ से निगल रही थी।
करीब 20 मिनट की ज़बरदस्त चुदाई के बाद, आयुष झड़ने को तैयार था। उसने मौसी से पूछा, "मैं अपनी मलाई कहाँ निकालूँ?"
मौसी हल्के से मुस्कुराईं और उसके कान में फुसफुसाईं, "मेरे प्यारे, इसे मेरे स्तनों पर ही छोड़ दो।"
यह सुनकर आयुष ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना सारा वीर्य अपनी मौसी के रसीले स्तनों पर छोड़ दिया। वीर्य मौसी के गोरे स्तनों पर बहने लगा और उनके चेहरे पर संतुष्टि की चमक दिखाई देने लगी।
इसके बाद आयुष अपनी मौसी के ऊपर गिर पड़ा। दोनों काफी देर तक उसी अवस्था में रहे। मौसी मुस्कुराते हुए बोली, "आयुष, आज तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया।"
उस दिन आयुष ने अपनी मौसी को चार बार चोदा। हर बार उनके बीच की प्यास बढ़ती गई। उसके बाद, जब भी मौका मिलता, वे यह चुदाई का खेल खेलते।
आयुष के लंड से उसकी मौसी बहुत खुश थी और आयुष को भी ऐसा लग रहा था कि अपनी पहली चुदाई के बाद वह किसी स्वप्नलोक में पहुँच गया है। यह थी आयुष और उसकी मौसी की चुदाई की कहानी।
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