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Friday, 5 September 2025

सुनीता आँखें बंद करके सिसकियाँ ले रही थी

 मेरी माँ की सहेली ने उन्हें बताया था कि उनके पति ठीक से सेक्स नहीं कर पाते, इसलिए उनके बच्चे नहीं हो सकते। फिर मेरी माँ ने अपनी सहेली को अपने भतीजे से कैसे चुदवाया?


दोस्तों, मैं इकरार खान हूँ, पेश है मेरी कहानी का अगला भाग, अम्मी की रात भर चुदाई।


मेरी सेक्स कहानी के उस भाग में आपने पढ़ा कि कैसे अम्मी को फूफा और उनके बेटे शकील ने पूरी रात चोदा। अब आगे:


यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा।


करीब दो साल बाद फूफा बीमार रहने लगे, तो फूफा कम आने लगे, लेकिन उनका बेटा शकील आता रहा और मैं उनकी सारी बातें रिकॉर्ड पर सुनता रहता था। लेकिन फिर शकील भी कम आने लगा, क्योंकि वो टैक्सी ड्राइवर और शराबी था। उसे नई चूत चोदना पसंद था। अम्मी भी यह बात समझती थीं, लेकिन उसके कम आने से अम्मी को प्यास लगने लगी।


इसी बीच अम्मी की ज़िंदगी में एक नया मोड़ आया। मेरी माँ की दोस्ती पड़ोस में रहने वाली एक आंटी से हो गई, जिनका नाम सुनीता था। वह अम्मी के इतने करीब आ गई कि अम्मी को अपने बारे में सब कुछ बताने लगी।


सुनीता अम्मी से लंबी थी, उसका कद 36-32-38 था। सुनीता के स्तन कसे हुए थे, उसके नितंब बहुत गोल और कसे हुए थे। उसका पति एक कंपनी में काम करता था और उसने अम्मी को बताया कि उसका कोई बच्चा नहीं है, इसकी वजह उसका पति है। क्योंकि वह उसके साथ ठीक से सेक्स नहीं कर पाता था। मैंने यह अफवाह पड़ोस के बाज़ार में सुनी थी, लेकिन जब उसने अम्मी को बताया, तो मुझे यकीन हो गया।


मैं उनकी बातचीत रिकॉर्ड कर रहा था, इसलिए मुझे यह सब पता चला।


एक बार जब हमारे घर के पास शकील की बुकिंग शुरू हुई, तो शकील घर आया। उस समय सुनीता आंटी घर आई हुई थीं। वह अम्मी के पास बैठकर बातें कर रही थीं। मैं भी वहीं था। शकील अंदर आया। उसकी अम्मी से मुलाक़ात हुई। आंटी वहीं बैठी थीं। शकील बहुत मज़ाक करता था, इसलिए उसने अम्मी से मज़ाक करना शुरू कर दिया। तभी उसके बगल में बैठी आंटी भी ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगीं।


आंटी बहुत सेक्सी थीं और चुदासी भी, क्योंकि उन्हें अच्छी चुदाई नहीं मिली थी। वो शकील को देखकर मुस्कुरा रही थीं और थोड़ी देर बाद उठकर चली गईं।


मैंने फ़ोन में रिकॉर्ड ऑन किया और उसे उनके पास छोड़कर बाहर चला गया। अम्मी और शकील बातें करने लगे।


शकील अम्मी से- और बताओ, मेरी लाडली कैसी है? अम्मी शकील से- तुम्हारी लाडली की हालत बहुत खराब है! शकील- क्यों, तुम्हें खाना टाइम पर नहीं मिलता? अम्मी- बस यही बात मुझे रुलाती है। तुमने आना क्यों बंद कर दिया? आते रहो!


शकील ने जवाब दिया- जब टाइम मिलेगा तब आऊँगा। सब टाइम की बात है। लेकिन अम्मी सब समझ गईं, क्योंकि शकील को नई-नई चूतों का चस्का लग गया था।


शकील ने आंटी के बारे में पूछा- मम्मी, वो कौन थीं? अम्मी बोलीं- वो मेरी बहन जैसी दोस्त हैं, बहुत दुखी हैं। शकील ने पूछा- क्यों, क्या हुआ? अम्मी बोलीं- बेचारी के कोई बच्चा नहीं है, इसी वजह से बहुत परेशान हैं।


शकील ने ज़रूर अम्मी की जाँघें सहलाई होंगी। शकील बोला- इस परेशानी की वजह क्या है? अम्मी बोलीं- उसका शौहर उसे सही मज़ा नहीं दे पाता। शकील का चेहरा खिल उठा और उसने अम्मी से कहा- तो अच्छी बात है... नेक और ख़यालों की बात सोचो। मैं काम पर कब आऊँगा?


अम्मी यह सुनकर हँसने लगीं।


शकील बोला- मुझे अपना काम करने दो। तब अम्मी ने मना कर दिया और कहा- तुम अपनी बात खुद कहो। शकील जानता था कि अम्मी को कैसे मनाना है। उसने अम्मी के स्तन दबाए और अम्मी से कहा कि अगर तुम मेरा काम करोगी, तो मैं तुम्हें खुश कर दूँगा। इस पर अम्मी खुश हुईं और बोलीं- मैं बात करूँगी। लेकिन मेरा नाम बीच में नहीं आना चाहिए।


अम्मी का मतलब था कि शकील सुनीता को अम्मी और शकील की चुदाई के बारे में कभी न बताए। शकील बोला- ठीक है, ऐसा नहीं होगा। उस रात शकील घर पर ही रहा और अम्मी की जम कर चुदाई की! जाते हुए उसने अम्मी से पूछा- अगली बार कब आओगी? तब अम्मी ने उसे परसों आने को कहा और कहा- मैं सुनीता से बात करके तुम्हें फ़ोन पर बता दूँगी।


शकील सुबह चला गया और अम्मी भी काम में व्यस्त थीं।


शाम को सुनीता अम्मी से मिलने आई। सुनीता बोली- तुम्हारा भतीजा आया था, इसलिए मैं दोबारा तुमसे मिलने नहीं आई। मुझे लगा तुम व्यस्त होगे। इस पर अम्मी ने सुनीता से कहा- नहीं, ऐसी बात नहीं थी। तुम आती ही होती। फिर भी वो तुम्हारी तारीफ़ कर रहा था।


यह सुनकर सुनीता हँसने लगी और बोली- तुम्हारा भतीजा बहुत मज़ाकिया है। अम्मी बोली- मज़ाक नहीं कर रही... मुझे लगता है उसे तुम्हारा पिछवाड़ा पसंद है। सुनीता ज़ोर से हँसी और मज़ाक में अम्मी से कहा- बहुत लोग इसी पिछवाड़े के पीछे पड़े हैं।


अम्मी हँसते हुए बोली- तो फिर तुम शकील से चुदवा लो। सुनीता बोली- नहीं, मैं शादीशुदा हूँ। अम्मी बोली- तो क्या हुआ अगर तुम शादीशुदा हो। और तुम्हें तो बच्चा चाहिए ही। तुम्हारा पति तो निकम्मा है! फिर शकील से ही बच्चा क्यों नहीं ले लेती? सुनीता ने बात टालते हुए कहा- मैं ऐसा नहीं कर सकती।


अम्मी उसे दो दिन तक इसके लिए मनाती रहीं, पर वो तैयार नहीं हुई। फिर अम्मी ने शकील को बुलाकर पूरी बात बताई और कहा- मैंने कोशिश की थी। अब तुम बात करो।


अगले दिन शकील घर आया। अम्मी ने सुनीता को बुलाया और कहा- कोई तुमसे मिलने आया है, घर आ जाओ। सुनीता समझ गई कि शकील उससे मिलने आया होगा। उसने अम्मी से कहा- मैं शाम को आऊँगा।


मेरे अब्बू रात को देर से घर आते हैं।


सुनीता शाम करीब 6 बजे घर आई। कमरे में सिर्फ़ तीन लोग थे, अम्मी, शकील और सुनीता! मैंने अपना फ़ोन रिकॉर्ड ऑन किया और बाहर चला गया, क्योंकि मुझे पता था कि यहाँ कैसी बातचीत होने वाली है।


अम्मी ने सुनीता से कहा- आओ, तुम्हारे ख़ास मेहमान तुमसे मिलने आए हैं। सुनीता हल्के से मुस्कुराई। अम्मी ने कहा- तुम दोनों बैठो बातें करो, मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ।


शकील बोला- मम्मी ने तुम्हें सब कुछ बता दिया है, तुम तैयार क्यों नहीं हो? सुनीता बोली- मैं ऐसा नहीं कर सकती। मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती! शकील बोला- ऐसी शादी का क्या फायदा, अगर वो तुम्हें खुश न रख सके।


तभी सुनीता थोड़ी डर गई, बोली- तुम्हारी मम्मी भी यहाँ हैं। थोड़ा धीरे बोलो! इस पर शकील बोला- वो मेरी प्यारी मम्मी हैं, वो मुझसे कुछ नहीं कहेंगी। सुनीता बोली- क्यों? ये कैसा प्यार है?


शकील ने सुनीता से कहा- मैं बचपन से यहाँ रहता हूँ और मेरी मम्मी मेरे बारे में सब कुछ जानती हैं। इस पर सुनीता हैरान रह गई, उसके मुँह से निकला- क्या, क्या उसे तुम्हारी चुदाई के बारे में भी पता है? शकील थोड़ा मुस्कुराया और बोला- वो खुद मुझसे चुदवाती है।


सुनीता को यकीन नहीं हुआ। बोली- तुम क्या कह रहे हो? शकील बोला- हाँ, मैं सच कह रहा हूँ। इस पर सुनीता बोली- अगर ऐसी बात सच है तो मैं तुम्हें चुदाई करते देखना चाहती हूँ, क्योंकि मुझे यकीन नहीं होता!


शकील बोला- मैं तुम्हें यकीन दिला दूँगा, लेकिन तुम्हें मेरे साथ सोना होगा? इस पर सुनीता बोली- ठीक है... लेकिन पहले मुझे यकीन दिला दो।


अम्मी थोड़ी देर बाद चाय लेकर आईं। सर्दियों के दिन थे, अम्मी अपने बिस्तर पर रजाई में बैठी थीं, तो शकील भी उसी रजाई में बैठ गया। सुनीता उनके बगल वाले सोफ़े पर बैठी थी।


शकील ने सुनीता को आँख मारी और कहा- बहुत ठंड है, तुम भी इधर आ जाओ। अम्मी ने भी उसे रजाई में आने को कहा। सुनीता बिना किसी हिचकिचाहट के रजाई के पास आ गई। अब तीनों क्रम से बैठे थे, पहले सुनीता, फिर शकील और फिर अम्मी। अम्मी और शकील, दोनों का एक-एक हाथ रजाई के अंदर था। शकील ने अम्मी का हाथ पकड़ा, रजाई के अंदर से अपना लिंग बाहर निकाला और अम्मी के हाथ में दे दिया। और अम्मी की जाँघों पर हाथ फेरने लगा।


थोड़ी देर बाद, उसने सुनीता का हाथ पकड़ा और अपने लिंग के पास ले गया। अम्मी शकील के लिंग को सहला रही थीं। सुनीता का हाथ अम्मी के हाथ पर था। सुनीता समझ गई कि अम्मी शकील के लिंग की गुलाम हैं।


और शकील ने अपने दोनों हाथ बाहर निकाल लिए। दोनों हैरान रह गईं।


अम्मी शकील को गुस्से से देखने लगीं और सुनीता हँसने लगीं। इस पर शकील ने अम्मी को आँख मारी और हँसने लगा।


उसने अपनी माँ की कमर पर हाथ रखा और कहा- मेरी जान, इसे सब पता है। उसने शर्त रखी थी कि तुम्हें अपनी माँ और अपनी सेक्स लाइफ पर भरोसा करना होगा। तभी मैं तुम्हें दूँगा। फिर भी, सुनीता तुम्हारी बहन है।


सुनीता मुस्कुराते हुए बोली- हमारा भतीजा हम दोनों बहनों को चोदेगा। अम्मी भी सामान्य हो गईं और बोलीं- वो चोदता नहीं, खुद को बेवकूफ बनाता है। फिर सुनीता मुस्कुराते हुए बोली- हमें भी ऐसा ही लंड चाहिए।


सुनीता ने शकील के लंड का अंदाज़ा लगा लिया था।


शकील ने सुनीता से कहा- अब तुम्हें अपना वादा पूरा करना होगा। सुनीता बोली- ठीक है, आज मेरे पति की नाइट शिफ्ट है, इसलिए मैं तुम्हारे बुलाने पर आई हूँ। इस पर अम्मी ने कहा- आज तुम यहीं सो जाओ।


सुनीता ने फोन करके अपने पति से कहा- मैं आज इकरार के घर सो रही हूँ, क्योंकि मुझे अकेले रहने में डर लग रहा है। उसका पति मान गया, जिससे शकील बहुत खुश हुआ।


और अम्मी ने भी राहत की साँस ली, क्योंकि अम्मी जानती थीं कि शकील अब सुनीता के बाद अक्सर घर आएगा। सुनीता की चुदाई से मुझे भी लंड मिल जाएगा।


शाम को सबने खाना खाया। अब्बू दूसरे कमरे में सो गए।


मैंने रिकॉर्ड सेट किया और सोने का नाटक करने लगी।


अम्मी और शकील एक ही पलंग पर सो रहे थे। वहीं एक और छोटा पलंग था, जिस पर सुनीता सो रही थी।


जाड़े की रात थी। रात के 11 बजे उन्हें लगा कि सब सो गए हैं। तभी अम्मी उठीं, उन्होंने सुनीता से कहा- इस पलंग पर आ जाओ। सुनीता मुस्कुराती हुई अम्मी के पलंग पर आ गई। तीनों एक ही पलंग पर थीं।


शकील का लोअर पहले से ही नीचे था, उसका लंड अम्मी के हाथ में था। सुनीता को यह पता था, इसलिए वह सीधी अपनी दाहिनी तरफ आकर सो गई। अम्मी ने शकील का लंड पकड़ते हुए कहा- आज शकील मेरी बहन की शादी में है! इसे खूब चोदो।


शकील मुस्कुराते हुए बोला- तूने मेरा लंड कई बार खाया है, मैं तुझे हर बार रंडी की तरह चोदता हूँ।


यह सुनकर सुनीता बहुत गर्म हो गई और शकील से चिपक गई।


शकील ने उसके नितम्बों को सहलाया और सुनीता की सलवार का नाड़ा खोल दिया। वहीं, अम्मी ने भी अपनी सलवार उतार दी और उसे रजाई में लपेट दिया।


शकील ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उनके बीच नंगा लेट गया। उसने कहा- तुम दोनों नंगी हो जाओ। इस पर अम्मी उठीं और अपनी कमीज़ उतार दी।


सुनीता की हिम्मत नहीं हुई। अम्मी उठीं और सुनीता को खड़ा करके उसकी कमीज़ उतार दी। सुनीता बिल्कुल नई दुल्हन लग रही थी, कड़क स्तन, गोल-मटोल नितम्ब! शकील ने अम्मी की गर्दन पकड़ी और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और सुनीता के होंठों को चूमने लगा।


दोनों ने 5 मिनट तक एक-दूसरे को खूब चूसा। उसके बाद सुनीता उठी और अपनी पैंटी उतारकर शकील के मुँह पर बैठ गई। अम्मी यह देखकर हैरान रह गईं, क्योंकि शकील ने कभी उनकी चूत नहीं चाटी थी।


कुछ देर चूत चाटने के बाद, अम्मी ने शकील का लंड मुँह से निकाला और सुनीता को लिटा दिया। सुनीता ने अपनी दोनों टाँगें फैला दीं। शकील उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा।


अम्मी की सहेली की चुदाई


सुनीता आँखें बंद करके सिसकियाँ ले रही थी। सुनीता की चूत बहुत छोटी थी, क्योंकि उसके पति का लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था और वो उसे ठीक से चोद नहीं रहा था। अम्मी ने यह बात मान ली थी, उन्होंने अलमारी से तेल की शीशी निकाली और सुनीता की चूत पर लगा दी। शकील का लंड अम्मी पहले ही चूसकर गीला कर चुकी थीं। शकील ने एक ही बार में अपना पूरा लंड सुनीता की चूत में डाल दिया। सुनीता चीखने लगी। अम्मी ने अपना मुँह बंद कर लिया।


थोड़ी देर बाद उसकी चीखें सिसकियों में बदल गईं। शकील ने सुनीता की चूत 20 मिनट तक चोदी।


फिर अम्मी की बारी आई।


अम्मी ने अपनी गांड पर ढेर सारा तेल लगाया और शकील के सामने घोड़ी बन गईं। शकील ने अपने लंड पर थूक लगाया।


इतने पर सुनीता उठकर अम्मी को देखने लगी और हैरानी से बोली- अगर कोई मेरी गांड चोदेगा तो मैं मर जाऊँगी।


शकील मुस्कुराते हुए बोला- मेरी अम्मी बहुत अच्छी खिलाड़ी हैं। उन्हें अपनी गांड मरवाने में ज़्यादा मज़ा आता है। सुनीता, देखो वो मेरे साथ अपनी गांड कैसे बजाती हैं। शकील ने एक ही बार में अपना पूरा लंड अम्मी की गांड में डाल दिया। अम्मी दर्द से चीखने लगीं।


थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ, अम्मी ने अपनी गांड उठाई और शकील से अपनी गांड मरवाई। ये खेल पूरी रात ऐसे ही चलता रहा। सुनीता रात भर में तीन बार चुदी और अम्मी की गांड और चूत सिर्फ़ एक बार चुदी।


रात के ढाई बज रहे थे। सुनीता आंटी अपने बिस्तर पर सो गई थीं, लेकिन अम्मी और शकील दोनों अभी भी जाग रहे थे। शकील ने अम्मी से कहा- तेरी बहन थकी हुई सो रही है। इस पर अम्मी मुस्कुराईं और बोलीं- उसे क्या पता तेरे चुदाई के जुनून के बारे में... तू तो घोड़ी की तरह चोदता है! वो अभी नई है, धीरे-धीरे उसे तेरी चुदाई की आदत हो जाएगी! पर शकील, तू तो बहन का लौड़ा है। तूने मेरी गांड के साथ सुनीता की चूत भी चोदी और जम गया।


शकील जोश में आ गया और अम्मी की गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारा। अम्मी उसे कभी डांटती नहीं थीं। शायद ये पहली बार था जब अम्मी के मुँह से वासना में गंदे शब्द निकले थे। शकील उत्तेजित हो गया और बोला- जब तुम्हारे पास ऐसी रांड हो, तो चूतों की कमी कैसे हो सकती है। अम्मी उत्तेजित हो गईं और शकील के लंड पर हाथ फेरते हुए बोलीं- चल, फिर चोद इस रांड को।


शकील ने अपना लंड निकाला और अम्मी की गर्दन से नीचे कर दिया, जिससे उनकी साँस भी रुक गई।


लंड पर बहुत सारा थूक लगा था। शकील अपना लंड अम्मी की गांड में रगड़ने लगा और धीरे-धीरे उसकी गांड में गहराई तक उतार दिया। अम्मी ने एक गहरी आह भरी और अपने कूल्हे शकील के हवाले कर दिए।


इस चुदाई के बाद, अम्मी और शकील दोनों सो गए।


सुबह जब शकील जाने वाला था, तो अम्मी ने शकील से कहा- सुनीता तुम्हें बात करने के लिए अंदर बुला रही है।


शकील अंदर आया और सुनीता ने उससे कहा- मुझे बच्चा चाहिए। तुम जल्दी आओ। फिर शकील ने वादा किया- मैं तुम्हें ज़रूर प्रेगनेंट करूँगा और अपनी अम्मी को भी खूब चोदूँगा।


यह कहकर शकील चला गया।


अम्मी ने सुनीता को गले लगाया और उसके गाल पर ज़ोर से चूमा और बोली- मुबारक हो, तुम्हारी शादी हो गई। सुनीता ने अम्मी की गांड पर हाथ फेरा और बोली- तुम्हारी गांड की वजह से मुझे चुदने का मौका मिला, शुक्रिया।


कहानी पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।

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