मेरा नाम राहुल है। मैं पुणे के पास एक छोटे से गाँव में रहता हूँ, जहाँ हरे-भरे खेत और शांत नदियाँ मेरी ज़िंदगी में एक अलग ही खूबसूरती भर देती हैं। मेरी उम्र 28 साल है, और मैं एक खेत और एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता हूँ। मैं दिखने में सीधा-सादा हूँ, लेकिन शरीर से मज़बूत हूँ, और मेरी मुस्कान गाँव के लोगों को बहुत पसंद है। यह सेक्स कहानी मेरे छोटे भाई की पत्नी, यानी मेरी भाभी, स्वाति, उम्र 24 साल के बारे में है। स्वाति दिखने में गोरी है, उसके बाल लंबे हैं, और उसकी पतली लेकिन आकर्षक बॉडी साड़ी में बहुत खूबसूरत लगती है। यह सेक्स कहानी उस रात की है जब मेरा छोटा भाई, विजय, शहर गया था, और स्वाति और मैं एक-दूसरे को करीब से जानने लगे थे। मेरा छोटा भाई विजय एक कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता है। वह अक्सर देर रात या कुछ दिनों के लिए शहर में रहता है। स्वाति और विजय की शादी को एक साल हो गया था, और स्वाति हमारे साथ गाँव में रहने आ गई थी। स्वाति और मेरे बीच बहुत अच्छे रिश्ते थे। वह हमेशा मुझसे मुस्कुराकर बात करती थी, और मैं उसे भाभी मानता था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से मुझे उसकी आँखों में एक अलग ही चमक दिखने लगी थी। जब वो साड़ी पहनकर खेतों में पानी भरने जाती, तो उसकी कमर और ब्लाउज से दिखता गोरा रंग मुझे बेचैन कर देता। मुझे पता था कि यह गलत है, लेकिन मेरा मन मुझे रोक नहीं पा रहा था।
वो रात थी जब विजय को तीन दिन के लिए शहर जाना था। उसे एक बड़ी डिलीवरी के लिए जाना था, और वो सुबह निकल गया। स्वाति और मैं घर पर अकेले थे। उस दोपहर, जब मैं खेतों से घर लौटा, तो स्वाति आँगन में कपड़े धो रही थी। उसने लाल साड़ी पहनी हुई थी, और उसके गीले बाल उसकी पीठ पर बिखरे हुए थे। “राहुल, क्या तुम खेतों से लौट आए? तुम थक गए होंगे, मैं पानी लाती हूँ,” उसने मुस्कुराते हुए कहा। मैंने उसे देखा, और मेरा मन उसकी खूबसूरती में खो गया। “भाभी, आप कितनी खूबसूरत लग रही हैं…” मैं अचानक बोला। वो शरमा गई और बोली, “राहुल, ऐसा मत कहो। मैं तुम्हारी भाभी हूँ।” लेकिन उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी।
डिनर के बाद मैं अपने कमरे में सोने चला गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मुझे स्वाति की आँखों की वो चमक बार-बार याद आ रही थी। रात के 11 बज रहे थे, और मैं उठकर पानी पीने किचन में गया। वहाँ स्वाति पानी का गिलास लेकर खड़ी थी। उसने एक पतली सी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी, और उसमें से उसका शरीर साफ़ दिख रहा था। “राहुल, क्या तुम सो नहीं रहे हो?” उसने धीमी आवाज़ में पूछा। मैंने उसकी तरफ देखा और कहा, “भाभी, मुझे कुछ परेशान कर रहा है।” वह मेरे पास आई और बोली, “राहुल, मैं जानती हूँ तुम क्या सोच रहे हो। मुझे भी ऐसा ही लग रहा है।” उसकी बातों से मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा।
भाभी, यह गलत है…” मैंने फुसफुसाते हुए कहा, लेकिन मेरा मन मुझे कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, “राहुल, बस एक रात… किसी को पता नहीं चलेगा।” उसकी आँखों में प्यास थी, और मेरा सब्र जवाब दे गया। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया, और उसके होंठों पर एक प्यारा सा किस किया। उसका किस इतना प्यारा था कि मैं उसमें खो गया। हम एक-दूसरे को ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगे, और मेरे शरीर में एक अलग सी आग जल उठी। उसने मेरी आँखों में देखा और धीरे से कहा, “राहुल, मुझे तुम्हारी ज़रूरत है।”
हम किचन से मेरे कमरे में गए। मैंने धीरे से उसकी नाइट ड्रेस ऊपर खिसकाई, और उसकी गोरी स्किन मेरे सामने आ गई। मैंने उसके शरीर को किस करना शुरू किया, और उसके मुँह से मीठी सिसकियाँ निकलने लगीं। “राहुल, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है…” वह सिसकते हुए बोली। मैंने उसकी ड्रेस और अंडरवियर उतार दी, और उसका नाज़ुक शरीर मेरे सामने नंगा था। मैंने उसके मुलायम ब्रेस्ट को किस किया, और वह खुशी से कराहने लगी। मेरे हाथों ने धीरे से उसकी वजाइना को छुआ, और वह एक्साइटमेंट से काँप उठी।
मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, और मेरा मज़बूत शरीर उसके सामने आ गया। उसने मेरे सीने को किस किया, और मेरे शरीर में एक सिहरन दौड़ गई। उसने मेरे कॉक को छुआ, और शरमाते हुए कहा, “राहुल, यह बहुत बड़ा है…” मैं मुस्कुराया और कहा, “दीदी, यह तुम्हारे लिए है।” उसने हिम्मत करके मेरे cock को किस किया, और मेरे मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया, और हम एक-दूसरे के शरीर से खेलने लगे।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, और उसकी टाँगों के बीच बैठ गया। “दीदी, मैं तुमसे बहुत प्यार करने वाला हूँ,” मैंने फुसफुसाया। मैंने हल्के से अपना cock उसकी वजाइना पर रगड़ा, और वह जोश में धक्के मारने लगी। “राहुल, मैं चाहती हूँ… धीरे करो…” वह सिसक उठी। मैंने धीरे से अपना cock उसकी वजाइना में डाला, और पहले थोड़ा दर्द हुआ। लेकिन मैंने उसे शांत किया, और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा दी। उसकी सिसकियाँ अब चीखों में बदल गईं, “राहुल, और ज़ोर से… मुझे बहुत मज़ा आ रहा है…” वह चिल्लाई।
मैंने उसे अलग-अलग पोज़िशन में चोदा। कभी वो मेरे ऊपर होती, कभी मैं उसे पीछे से पकड़ता। उसके मुलायम कूल्हे मेरे धक्कों पर थपकी दे रहे थे, और हर पल मुझे जन्नत की सैर करा रहा था। “राहुल, तुम मुझे पागल कर देते हो…” वो सिसकते हुए बोली। मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और उसे अपने पास खींच लिया, और हमारा प्यार का खेल एक घंटे तक चला। उसकी सिसकियाँ और मेरी सिसकियाँ कमरे में गूंज रही थीं, और बाहर रात का सन्नाटा हमारे प्यार का गवाह बन गया।
हम थक कर एक-दूसरे की बाहों में गिर पड़े। मैंने उसका माथा किस किया और कहा, “भाभी, तुम मेरे लिए खास हो।” उसने अपना सिर मेरे सीने पर टिका दिया और कहा, “राहुल, यह रात मेरे लिए यादगार है।” हमने एक-दूसरे को गले लगाया, और मेरे दिल में एक मीठी सी संतुष्टि थी। सुबह विजय के लौटने से पहले, हम अपने-अपने काम में बिज़ी हो गए, और हमारी ज़िंदगी पहले की तरह फिर से शुरू हो गई।
लेकिन जब स्वाति और मैं अकेले होते हैं, तो उस रात की चमक उसकी आँखों में दिखती है। उस रात के बाद से हम फिर कभी इतने करीब नहीं रहे, लेकिन उस रात का राज़ हमारी आँखों में छिपा है। स्वाति कभी-कभी फुसफुसाती है, “राहुल, तुम मेरे लिए खास हो।” और मैं मुस्कुराकर कहता हूँ, “भाभी, तुम मेरी सबसे खूबसूरत याद हो।” हमारा यह राज़ हमारे दिलों में छिपा है, और हम कभी किसी को नहीं बताएँगे।
जब मैं अकेला होता हूँ, तो उस रात की यादें मुझे रोमांचित कर देती हैं। स्वाति का प्यार भरा स्पर्श, उसकी सिसकियाँ, और मेरी चीखें मुझे उस पल में वापस ले जाती हैं। मेरा शरीर रोमांच से काँप उठता है, और मैं उन यादों को अपने मन में फिर से जीता हूँ। वह रात मेरी ज़िंदगी में एक खास जगह रखती है, और मैं उसे कभी नहीं भूलूँगा।
स्वाति और मैं अब फिर से भाभी और देवर जैसे हो गए हैं। हम हमेशा की तरह एक-दूसरे के साथ हँसते-मज़ाक करते हैं, लेकिन उस रात का राज़ हमारी आँखों में छिपा है। मैं अपने खेत और दुकान में बिज़ी रहता हूँ, और स्वाति अपने घर के कामों में। लेकिन जब मैं रात को अकेला होता हूँ, तो उस रात की यादें मुझे एक मीठे सपने की तरह आती हैं।
यह अनुभव मेरे लिए एक मीठे सपने जैसा है। स्वाति ने मुझे जो प्यार दिया, वह हमेशा मेरे मन में रहेगा। मैं अब अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ रहा हूँ, लेकिन उस रात की याद मुझे हमेशा एक छिपी हुई खुशी देती है। मुझे पता है कि यह समाज की नज़र में गलत है, लेकिन मेरे दिल में यह एक खास याद है।
आज, रविवार, 25 मई 2025, रात 11:18 PM IST पर, यह मराठी सेक्स कहानी मेरे मन की बात से आप तक पहुँची। राहुल और स्वाति की यह कामुक कहानी मेरे लिए एक खास अनुभव है, और मुझे उम्मीद है कि आपको यह सेक्सी कहानी पसंद आएगी।






0 comments:
Post a Comment